साच पास चम्बा के पांगी घाटी का प्रवेश द्वार है। यह चंबा से किलार तक 170 किमी का सबसे छोटा और सबसे कठिन मार्ग है और इसका नव निर्माण किया गया था। इसका द्वार जून माह के शुरू में बहाल कर दिया जाता है परन्तु इस बार यह जून के मध्य में शुरु होगा। इसकी वजह इस बार सर्दियों में हुई भारी बर्फबारी व लगातार चल रही मौसम की खराबी है। हालांकि लोक निर्माण विभाग पांगी ने अप्रैल माह से ही सड़क से बर्फ और ग्लेशियरों को काटने का काम युद्धस्तर पर चलाया हुआ है।
लोक निर्माण विभाग ने किलाड़ से शवानरेडी तथा बैरागढ से अकेला मोड़ तक कई ग्लेशिरयों को काटने व सड़क से बर्फ हटाने में सफलता हासिल कर ली है। करीब 14 किलोमीटर क्षेत्र में सड़क को साफ करना है। साच पास में ताजा हिमपात के कारण विभाग के कर्मचारियों, जेसीबी, बुलडोज़र ऑपरेटर को काम करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
लोक निर्माण विभाग ने 15 से 20 जून के बीच साचपास मार्ग को बहाल करने का लक्ष्य रखा है। गत वर्ष साच मार्ग को छोटे वाहनों के लिए दो जून तक बहाल करवा दिया गया था। वैसे साच पास से चम्बा 127 किमी की दूरी पर है जबकि जम्मू से होते हुए करीब 700 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।