चंबा जिला के सलूणी लोक निर्माण विभाग इन दिनों चंबा सलूणी मार्ग पर धारगला के पास कड़ाके की ठंड में अपनी सड़कों को चकाचक करने के लिए तारकोल बिछाने के कार्य को अंजाम दे रहा है। यह बात और है कि विभाग इस कार्य के लिए निर्धारित किए किए गए अपने ही नियम की सरेआम धज्जियां उड़ा रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि जहां पर भी पैच वर्क के कार्य को अंजाम दिया है वह 10 दिनों में ही उखड़ रहा है। इसके बावजूद विभाग आंखें बंद करके कार्य को अंजाम दे रहा है। ध्यान दें कि विभाग के आला अधिकारी इसी सड़क से रोज आते और जाते हैं लेकिन क्या पैच वर्क के बाद पड़े गढ़े उनको दिखाई नहीं देते या फिर वह देखना ही नहीं चाहते हैं।
क्यों नहीं टिक रहा है यह तारकोल
अगर विभागीय सूत्रों की मानें तो तारकोल को बिछाने का सबसे सही समय गर्मी में होता है लेकिन इस कार्य को सितंबर तक अंजाम दिया जा सकता है। इसकी वजह यह है जब तारकोल को बिछाया जाता है उस समय पर तारकोल 150 से 160 डिग्री तक गर्म होना चाहिए और साथ ही वातावरण का तापमान भी कम से कम 17 डिग्री होना चाहिए। लोक निर्माण विभाग ने यह नियम इसलिए बनाए हुए हैं ताकि तारकोल सही ढंग से सड़क के साथ चिपक जाए। अगर ऐसे में 10 से भी नीचे तापमान में तारकोल को बिछाए जाएगा तो वह उखड़ ही जाएगा ।
मंत्री किशन कपूर के आदेशों की हो रही है अनदेखी
गौरतलब है कि 27 नवंबर को खाद आपूर्ति उपभोक्ता मामले के मंत्री किशन कपूर ने जिला मुख्यालय में बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला चंबा में चल रहे पैच वर्क पर बेहद नाराजगी जताई थी। उन्होंने बैठक में कहा था कि सर्दियों के सबसे कठिन महीनों में पेचवर्क को अंजाम देने का सीधा मतलब जनता की खून पसीने की कमाई को बेकार में गवांना है। उन्होंने बैठक में इन पेचवर्क को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए थे। मंत्री के आदेशों के बावजूद यहां चंबा सलूणी मार्ग पर धारगला के पास पैचवर्क का काम चला हुआ है। इससे यह आभास होता है कि संबंधित विभाग मंत्री के आदेशों की ठेंगा दिखा रहा है।
वहीं जब इस बारे में लोगों से पूछा गया तो उनका यही कहना था कि जब तारकोल बिछाने का जब सही समय था उस समय विभाग कुंभकर्णी नींद सोया रहा और जब सर्दियों का समय आया तो उन्होंने तारकोल बिछाना शुरू कर दी और यह तारकोल 10 दिन में उखड़ रही है जिससे हमें वाहन चलाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।