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चंबा: बाघ के डर से दहशत का माहौल, घरों से निकलना हुआ मुश्किल

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला |

चंबा जिला की हरिपुर पंचायत में उसके आस-पास के गांव नखलि, सिढ़पुरा, भंडारका में कुछ दिनों से बाघ का आतंक फैला हुआ है। बाघ के खौफ की वजह से लोगों के दिन और रात दहशत में गुजर रहे हैं। शाम के वक़्त लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है। बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए मां-बाप को खुद साथ जाना पड़ता है। कुछ दिन पहले बाघ ने गांव के कुत्तों पर भी हमला किया जिसकी वजह से लोगों में और भी दहशत फैल गई। इसके चलते लोगों ने वन विभाग से इस बात के बारे में जानकारी दी। वन विभाग ने गांव में बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया। उम्मीद है कि बाघ जल्द पकड़ा जाए और लोग चैन की सांस ले पाए।

यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके गांव में पिछले कुछ दिनों से बात का खतरा बना हुआ है। गांव के साथ जंगल और सड़कों में बाघ देखा गया है। जिसकी वजह से लोगों में बहुत दहशत फैली हुई है। उन्होंने बताया कि उनके गांव के कुत्तों के बाघ उठाकर ले गया जिसकी वजह से उन्हें और भी डर बढ़ गया है। लोगों ने बताया कि वन विभाग बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे तो लगाए हैं लेकिन जब तक वह बाग उस पिंजरे में नहीं फसेगा तब तक उन्हें डर सताता ही रहेगा।

गांव में रह रहे छोटे स्कूली बच्चों ने बताया कि उन्हें स्कूल जाने में डर लगता है। बाघ की वजह से उन्हें स्कूल में जाने से डर लगता है की कहि बाघ उन्हें खा न जाये। उन्हें उनके मम्मी पापा स्कूल छोड़ने के लिए जाते हैं। उन्होंने बताया की बाघ को जल्दी से पकड़ा जाए ताकि उनका डर खत्म हो पाए।

क्या कहते हैं DFO चंबा

DFO चंबा डॉक्टर संजीव ने बताया कि रविवार को गांव नखलि, सिढ़पुरा, भंडारका उसके आसपास के लोगों ने गांव में बाघ देखे जाने की खबर वन विभाग को दी थी। इसी के चलते वहां पर विभाग द्वारा बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया गया है। इसके लिए उन्होंने गांव वालों से मीटिंग भी की थी और उन्हें बाग से सुरक्षित रहने के तरीके बताए थे। लोगों को बताया गया है अपने बच्चों को स्कूल में अकेले ना भेजें। उन्होंने बताया कि अभी तक हालांकि बाग का किसी पर हमले की सूचना नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी इतिहास वरतना जरूरी है और आने वाले समय में लोगों को उसके बारे में और भी जानकारी दी जाएगी।