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चैरिटेबल अस्पताल भोटा के गेट मरीजों के लिए खुले, नई सर्जरी डेट दी गई

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Charitable hospital Bhotta: चैरिटेबल अस्पताल भोटा का संचालन सोमवार से फिर से शुरू कर दिया गया है। अस्पताल के गेट खोलने के बाद, ओपीडी में मरीजों की जांच की गई और पहले दिन ही काफी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचे। जिन मरीजों को पहले सर्जरी के लिए डेट दी गई थी, उन्हें अब नई डेट दी गई है।

बता दे कि राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा में कुछ दिनों से लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर थे । पिछले चार, पांच दिनों से रोजाना सैकडों लोग अस्पताल बंद करने के विरोध में कर रहे थे और सड़को पर घंटों तक चक्का जाम कर कर रहे थे । जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने भी पुलिस बल को भोटा में तैनात कर दिया । रविवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के द्वारा बैठक बुलाए जाने के बाद सोमवार को राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा के गेट मरीजों के लिए खुल गए ओर वहां पर लगाया गया नोटिस बोर्ड भी प्रशासन के द्वारा हटा लिया गया है।

वहीं राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा में पहुंचे मरीजों का कहना है कि आज मेरा आंख का ऑपरेशन था जिसकी आज डेट चेंज करवाई है।उन्होंने कहा कि हम सरकार का आभार व्यक्त करते है सरकार ने अस्पताल को खोल दिया है।

महिला मरीज का कहना है कि अस्पताल में बाहर से कम दामों में दवाई मिलती है । उन्होंने कहा कि नजदीक में अस्पताल के होने से हमें सुविधा मिलती है । उन्होंने कहा कि जिसके के हम बाबा ओर सरकार का आभार व्यक्त करते है जिन्होंने अस्पताल को खोल दिया।

इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को ओक ओवर, शिमला में राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा से संबंधित भूमि हस्तांतरण के मामले पर बैठक की और जल्द ही संशोधन विधेयक पेश करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अस्पताल को सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि आसपास के क्षेत्र के निवासियों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

मुख्यमंत्री ने बताया कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन, 18 दिसंबर को, राज्य सरकार लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक पेश करेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कई वर्षों से चर्चा हो रही थी, और अब इसे हल करने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शुरू में अध्यादेश लाने पर विचार कर रही थी, लेकिन विधानसभा सत्र के जल्द होने के कारण विधेयक पेश करना अधिक प्रभावी होगा