हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने गुरूवार को ऊना में कहा कि संविधान के तहत समाज के गरीब व्यक्ति को न्याय देने के सपने को साकार करने के लिए न्याय प्रणाली की पहुंच गरीब आदमी तक सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब आदमी को न्याय उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत प्राथमिक तौर पर उप-मंडल स्तरीय न्यायालय परिसरों में मूलभूत अधोसंरचना को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्य न्यायाधीश न्याय मूर्ति सूर्य कांत ने अंब में लगभग 10 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित होने वाले न्यायालय परिसर की आधारशिला भी रखी।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रदेश सरकार भी न्यायालय परिसरों में मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए अपना पूरा सहयोग प्रदान करने को प्रयासरत है। उन्होने कहा कि अधिवक्ताओं को भी सरकारी नीति के अंतर्गत न्यायालय परिसर के आसपास चैम्बर्स बनाने को भी जमीन मुहैया करवाई जाएगी और इस बारे उन्होंने जिला प्रशासन को उचित कदम उठाने के भी निर्देश दिए। उन्होने सर्कट बैंच की स्थाई तैनाती को लेकर कहा कि कोर्ट में लंबित मामलों को ध्यान में रखते हुए ही इस दिशा में नीतिगत फैसला लिया जाएगा। न्याय के ये मंदिर आम आदमी को समयबद्ध न्याय की उपलब्धता सुनिश्चित बनाने के लिए भी न्याय प्रक्रिया से जुड़े सभी स्टेक होल्डर से मिलकर कार्य करने का आहवान किया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय परिसरों में आधारभूत सुविधाओं की मजबूती करना उनकी प्राथमिकता में है तथा इसे पूरा करने के लिए सरकार के सहयोग से हरसंभव प्रयास जारी रहेंगे। ताकि समाज के गरीब और आम आदमी को समयबद्ध न्याय सुनिश्चित हो सके। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने कहा कि आम आदमी को न्याय के उद्देश्य को नहीं भूलना चाहिए। उन्होने कहा कि न्याय प्रक्रिया में अधिवक्ता एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।
उन्होने अधिवक्ताओं से निरन्तर अपने ज्ञान में वृद्धि करने का आहवान किया। उन्होने कहा कि वकालत एक नोबल प्रोफैशन है जिसके माध्यम से समाज को राजनेता, स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर बड़े समाज सेवक दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय की गरिमा को बनाए रखने के लिए न्याय की चर्चा दूर-दूर तक होनी चाहिए। उन्होने अगले 50 वर्षों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए न्यायालय परिसरों के विकास पर जोर दिया।
इससे पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर ठाकुर ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा अंब न्यायालय परिसर के इतिहास की विस्तृत जानकारी रखी। इस अवसर पर बार एशोसियशन अंब के प्रधान अधिवक्ता ओंकार चौधरी ने भी अपने विचार रखे।