मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज धर्मशाला के मकलोडगंज में निर्वासित तिबतियन सरकार के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा से उनके निवास थकचेक चोलिंग में भेंट की तथा उनका आशीर्वाद लिया। आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक तथा सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा की तथा कहा कि मुख्यमंत्री पर अब दोगुणी जिम्मेदारी है, जिनमें प्रथम जिम्मेदारी सरकार का संचालन और लोगों का कल्याण तथा द्वितीय जिम्मेदारी पार्टी के प्रति है।
आध्यात्मिक गुरू ने कहा कि मानसिक शांति के साथ-साथ साफ भावनाओं की स्वच्छता समान रूप से महत्वपूर्ण है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लोगों तथा विशेषकर राजनीतिज्ञों को मानसिक शांति के लिए भारत के पुरातन ज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता है। भावनाओं में बहकर व्यक्ति को वास्तविकता नज़र नहीं आती। आध्यात्मिक गुरू ने मुख्यमंत्री के साथ बातचीत करते हुए कहा कि ज्यादा इच्छाओं तथा ज्यादा क्रोध के कारण व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त नहीं होती।
उन्होंने कहा कि मानसिक तथा भावनात्मक नियंत्रण की कला भारतीय पुरातन ज्ञान की एक महान परम्परा है। भारत ऐसा एकमात्र देश है, जहां जैन, बौद्ध, सिक्ख, इसाई, मुस्लिम सभी धर्मों के लोग सौहार्द से एक साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि पुरातन ज्ञान आज के समय में भी तर्कसंगत है। उन्होंने पुरातन ज्ञान के सम्पूर्ण अध्ययन पर बल देते हुए कहा कि लोगों को इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता से अधिक लगाव क्रोध और तनाव का कारण है।