धर्मशाला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जल रक्षक संघ के समारोह की अधयक्षता की। इस मौके पर उन्होंने जल रक्षकों को हौंसला देते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है। प्रदेश में 2006 से कार्य कर रहे 6300 जल रक्षकों की मांगो का समाधान करने के सरकार उचित नीति तैयार कर रही है जिसे 2019 में होने वादे विधानसभा बजट सत्र में पेश किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय में जल रक्षक संघ की मांगों पर विस्तृत चर्चा करने के लिए एक बैठक भी की। मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को मांगों का परीक्षण कर और आवश्यक कार्रवाई के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि जल रक्षकों द्वारा दी जा रही बहुमूल्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें राहत प्रदान की जा सके।
सीएम ने कहा कि जल रक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन वे कड़ी मेहनत के अनुरूप मानदेय प्राप्त नहीं कर रहे हैं। जल रक्षकों को आश्वासन दिया कि 12 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले जल रक्षकों के नियमितकरण सहित उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। सीएम ने कहा कि बागवानी, जल सग्रंहण तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में किसानों की आय को दोगुना करने के अलावा रोज़गार तथा स्वरोज़गार के अवसर सृजित करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
इस अवसर पर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में जल रक्षकों को और अधिक जिम्मेदारी देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से भारत सरकार ने राज्य में वर्ष 2000 से पूर्व शुरू हुई जल संग्रहण तथा सिंचाई योजनाओं के सम्वर्धन के लिए 5551 करोड़ रुपये की दो मुख्य परियोजनाएं स्वीकृत की हैं।