नदियों में नहाते वक्त डूब जाने वाले हादसे भले ही अब आम बात हो गई हो लेकिन बरसात के महीने में उफनती नदी में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर नहा रहे हैं। हालांकि, पहाड़ों पर मौसम खराब है और कब पहाड़ों पर बारिश हो जाए इसका अंदाजा लगाना मौसम विभाग के लिए भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, ऐसे में रेलवे पुल के नीचे जो यह बच्चे नहा रहे हैं कहीं ना कहीं इस नदी के बहाव में यह बच्चे बह सकते हैं।
सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि बैजनाथ उपमंडल में किसी तरह का कोई भी व्यक्ति इनको रोकने वाला नहीं है। क्योंकि बैजनाथ शिव धाम है और इसके साथ होकर गुजरती बिनवा नदी में कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
बरसात के मौसम में कब इस नदी में बाढ़ आ जाए इसका पता नहीं चलता। साफ तौर पर यही कहा जा सकता है कि इन बच्चों को रोकने में न ही स्थानीय प्रशासन जहमत उठाता है न ही पुलिस। ऐसे में यह बच्चे बेरोक टोक अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।