➤ माता चिंतपूर्णी धाम में अष्टमी नवरात्र पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
➤ माँ चिंतपूर्णी को तीन बार स्नान, सिंगार और हलवे का प्रसाद अर्पित
➤ सुगम दर्शन प्रणाली व विशेष पास से भक्तों को मिल रही सुविधा
ऊना/चिंतपूर्णी। उत्तर भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक माता चिंतपूर्णी धाम में अष्टमी नवरात्रों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ आई है। सुबह से ही हजारों की संख्या में भक्त माँ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है, जहाँ हर ओर जयकारे गूंज रहे हैं।
मंदिर पुजारी गगन कालिया ने जानकारी दी कि अष्टमी का दिन विशेष महत्व रखता है। आज माता को तीन बार स्नान कराया जाएगा और तीन बार उनका सिंगार होगा। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है, साथ ही परंपरा के अनुसार नारियल की बलि दी जाती है। उन्होंने बताया कि नवरात्रों में माता को अर्पित किया जाने वाला हलवे का प्रसाद भक्तों के लिए माँ की विशेष कृपा का प्रतीक माना जाता है।
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि माँ चिंतपूर्णी की कृपा से उनकी हर चिंता दूर हो जाती है। यही कारण है कि नवरात्रों में न केवल हिमाचल बल्कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में भक्त यहाँ पहुँचते हैं।
पुजारी गगन कालिया ने बताया कि ज्वाला जी माता भी माँ चिंतपूर्णी को अपनी छोटी बहन के रूप में मानती हैं और इस संबंध की पौराणिक मान्यता आज भी भक्तों की आस्था को गहराई देती है।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सुगम दर्शन प्रणाली लागू की है। इसके तहत लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकें। साथ ही 500 रुपये का विशेष पास लेकर तुरंत दर्शन करने की व्यवस्था भी की गई है।
नवरात्रों में चिंतपूर्णी धाम का माहौल अद्भुत हो जाता है। यहाँ के मेले, सांस्कृतिक आयोजन और भक्ति गीत वातावरण को और भी भक्तिमय बना देते हैं। अष्टमी के इस पावन पर्व पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है।



