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HRTC के समर्थन में उतरा सीटू, कहा- निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए हाशिये पर धकेला जा रहा HRTC

पी. चंद |

सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने एचआरटीसी कर्मियों की मांगों के समर्थन में ओल्ड बस स्टैंड शिमला पर प्रदर्शन किया। सीटू ने प्रदेश सरकार से एचआरटीसी कर्मियों की मांगों को पूर्ण करने और क्षेत्रीय प्रबंधक का तबादला रद्द करने की मांग की है। सीटू ने ऐलान किया है कि अगर एचआरटीसी कर्मियों का आंदोलन आगे बढ़ता है तो सीटू भी प्रदेशव्यापी स्तर पर इसका समर्थन करेगा और इसमें शामिल होगा।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि विभाग की बेहतरी के लिए कार्य करने वाले अफसरों और कर्मियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। क्षेत्रीय प्रबंधक का तबादला भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है। कर्मियों का गुस्सा केवल क्षेत्रीय प्रबंधक के तबादले तक सीमित नहीं है बल्कि निगम और कर्मियों के प्रति सौतेले भेदभाव के खिलाफ भी है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार का रवैया एचआरटीसी कर्मियों के प्रति हमेशा भेदभावपूर्ण रहा है। इस निगम के लिए सरकार की सहायता लगातार कम हो रही है। इसी का नतीजा है कि निगम के पेंशनरों को कई-कई महीनों तक पेंशन नहीं मिलती है। कर्मियों के ओवरटाइम वेतन का भुगतान कई महीनों तक नहीं होता है। घाटे के रूट एचआरटीसी को देकर इसे जान बूझकर हाशिये पर धकेलने की कोशिश की जा रही है और पूर्ण निजीकरण की कोशिशें हो रही हैं। ऐसी परिस्थिति में भी एचआरटीसी कर्मी बेहतरीन सेवाएं देते रहे हैं परन्तु उन्हें ईनाम की जगह तबादले व प्रताड़ना मिल रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने एचआरटीसी को निगम के बजाए विभाग का दर्जा देने, पेंशनरों को समय पर पेंशन देने, कर्मियों को समय पर वेतन, ओवरटाइम व भत्तों का भुगतान करने, कच्चे कर्मियों को पक्का करने, बजट में बढ़ोतरी करने , रिक्त पदों को भरने, कर्मियों की प्रताड़ना बन्द करने,स्पेशल पे स्केल देने व कर्मियों के बस ठहरावों पर रहने की उचित व्यवस्था करने की मांग की है।