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सीटू का आरोप: मंडी के मज़दूरों की अनदेखी, सहायता राशि में हो रही देरी

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Labor Welfare Board Aid Delay: हिमाचल प्रदेश राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष का मंडी जिले का तीन दिवसीय दौरा मंगलवार को करसोग के खादरा से शुरू हुआ। दौरे के दौरान चेयरमैन मज़दूरों को स्वीकृत इंडक्शन हीटर और सोलर लैम्प वितरित करेंगे तथा संवाद करेंगे। यह दौरा मंडी जिले के लिए बोर्ड अध्यक्ष का पहला दौरा है, लेकिन मज़दूरों के प्रतिनिधियों और सीटू के नेताओं ने इस दौरे पर नाराजगी जताई है।

सीटू जिला प्रधान एवं बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह, महासचिव राजेश शर्मा, और अन्य नेताओं ने आरोप लगाया कि मंडी जिले के 35 हज़ार मज़दूरों की सहायता राशि पिछले दो वर्षों से लंबित है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मंडी जिले में सबसे अधिक मजदूर पंजीकृत हैं, लेकिन उन्हें मौजूदा सरकार के समय से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है। बोर्ड की विभिन्न बैठकों में इस मुद्दे को उठाने के बावजूद भी मज़दूरों के आवेदन बार-बार लौटाए जा रहे हैं, जिससे मज़दूरों में भारी आक्रोश है।

सीटू ने मंडी जिले के करसोग या चुराग में बोर्ड का नया ऑफिस खोलने की मांग की है, क्योंकि करसोग में दूरी के कारण मजदूरों का पंजीकरण कम हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बोर्ड ने बिना किसी पूर्व सूचना के नई ऑनलाइन पंजीकरण ऐप जारी कर दी, जिससे बोर्ड सदस्यों को अनदेखा किया गया है। इस मुद्दे पर 16 नवंबर को हमीरपुर में सभी ट्रेड यूनियनों की संयुक्त बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी। धर्मपुर खंड के डेढ़ सौ मज़दूरों का पंजीकरण और नवीनीकरण भी दो वर्षों से रुका हुआ है, लेकिन बोर्ड चेयरमैन ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है।

सीटू ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया गया तो मज़दूर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि बिना मजदूरों की समस्याओं का समाधान किए ऐसे दौरों का कोई लाभ नहीं है।