सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) की हिमाचल प्रदेश इकाई, किसानों, मजदूरों और आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी। यह फैसला सीटू राज्य कमेटी की बैठक के अंतिम दिन रविवार को लिया गया।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने जानकारी दी कि 12 जुलाई को आंगनबाड़ी दिवस के दिन आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे। मिड-डे मील कर्मियों की मांगों को लेकर 20 जुलाई और मजदूरों व किसानों की मांगों को लेकर 25 जुलाई से 9 अगस्त तक प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा
महरा ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार लगातार मजदूर विरोधी निर्णय ले रही हैं। केंद्र सरकार ने केवल 2,600 रुपये मासिक वेतन लेने वाले मिड-डे मील कर्मियों के वेतन में पिछले बारह वर्षों में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं की है।
"आंगनबाड़ी कर्मियों को हिमाचल प्रदेश में हरियाणा के मुकाबले केवल आधा वेतन दिया जा रहा है। आशा व आउटसोर्स कर्मियों का भारी शोषण किया जा रहा है। उन्हें सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। कोरोना काल में देश की ही तरह प्रदेश में हज़ारों मजदूरों की छंटनी की गई है व उनके वेतन में चालीस प्रतिशत तक कि कटौती की गई है," मेहरा ने कहा।
बैठक के बाद औद्योगिक सम्बन्धों पर मोदी सरकार द्वारा लाये गए लेबर कोड पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इसमें लगभग सौ लोगों ने भाग लिया।