राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी के थुनाग से वर्चुअल तरीके से चिकित्सकों को संबोधित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने समाज की पीड़ाओं को कम करने में चिकित्सकों की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चिकित्सक केवल बहुमूल्य जीवन ही नहीं बचाते हैं, बल्कि मरीजों का उपचार कर उनके दर्द और पीड़ा को भी कम करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और विख्यात चिकित्सक डॉ. बिधान चन्द्र रॉय की जयन्ती और पुण्य तिथि के अवसर पर मनाया जाता है। डॉ. रॉय एक महान चिकित्सक थे जिन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया। यह दिन सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को समर्पित है जो अपनी जान जोखिम को डालकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी ने एक बार पुनः विश्वभर के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान और बलिदान का स्मरण करवाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय उप महाद्वीप में डॉ. रॉय को प्रथम चिकित्सा सलाहकार भी कहा जाता है। ब्रिटिश मेडिकल जरनल के अनुसार वह अपने समकालीन चिकित्सकों से प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी थे। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस लोगों का जीवन बचाने में चिकित्सकों की भूमिका और दायित्व तथा उनके कार्यों व कत्र्तव्यों को स्मरण करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकों ने सैकड़ों जीवन बचाने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डालकर रात-दिन कार्य किया। अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में विचार न करके उन्होंने देश की सेवा को सर्वोपरि माना। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए संकल्पबद्ध है और कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। जयराम ठाकुर ने आशा व्यक्त की कि हिमाचल प्रदेश को देश का खुशहाल और स्वस्थ राज्य बनाने के लिए प्रदेश के चिकित्सक इसी समर्पण और सेवा भाव से कार्य करते रहेंगे।