नाबार्ड को कृषि के क्षेत्र में ध्यान केन्द्रित करते हुए काम करना चाहिए, ताकि ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सके। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा ‘किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उपज का समूहन’ विषय पर आयोजित नाबार्ड स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2021-22 की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ‘द स्टेट फोकस पेपर’ विकास के लिए धन आवंटन को प्राथमिकता देने के लिए प्रदेश सरकार और बैंकर्ज द्वारा ऋण और बुनियादी ढांचे की योजना तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस वार्षिक अभ्यास का उद्देश्य ऋण समर्थन प्रदान कर कृषि और संबंधित क्षेत्रों में बढ़े हुए उत्पाद को और अधिक बढ़ावा देने तथा खेतों व गैर कृषि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करना है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि एक विशेष राज्य होने के दृष्टिगत, पहाड़ी क्षेत्रों और अन्य सामाजिक आर्थिक स्थितियों के कारण राज्यों से भिन्न योजनाएं तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य को अपनी ऋण और विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने और विकास रणनीतियों को लागू करते समय विशेष मापदंडों को तैयार करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लैंड होल्डिंग औसत एक एकड़ है और राज्य में कुल भूमि का 88 प्रतिशत है। जो कि राष्ट्रीय औसत की तुलना में क्रमशः 1.15 हेक्टेयर और 86.21 प्रतिशत है। राज्य का 80 प्रतिशत कृषि क्षेत्र वर्षा पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में कम उत्पादकता और उत्पादन के लिए ये सभी कारक, योजनाकारों और हितधारकों के लिए चुनौतियां हैं।
उन्होंने किसान उत्पादकों, नाबार्ड के संगठनों (एफपीओ) के सिद्धांतों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एफपीओ का मुख्य उद्देश्य कृषि उपज का समूहन, मूल्य संवर्द्धन और सामूहिक विपणन करना है, ताकि किसानों को उनके उत्पाद के बेहतर मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अब तक आरआईडीएफ के तहत 8679.28 करोड़ रुपये की संचयी सहायता स्वीकृत हुई है, जो प्रदेश में बुनियादी ढांचा सृजित करने में महत्वपूर्ण है। बैंकों को प्रदेश के सभी पात्र किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने चाहिए।
जयराम ठाकुर ने आशा व्यक्त की कि नाबार्ड और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच व्यवसायिक और व्यक्तिगत सम्बन्धों से प्रदेश के लोग लाभान्वित होंगे। यह संयुक्त प्रयास वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने में सहायक सिद्ध होगा। राज्य सरकार के तत्वाधान में नाबार्ड और बैंकरों को हर तरह का सहयोग और अनुकूल परिवेश प्रदान करना सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे तय लक्ष्यों की प्राप्ति हो सके।