मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश में नए चिकित्सा महाविद्यालयों के भवन निर्माण की प्रगति से संबंधित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में क्रियान्वित की जा रही सभी चिकित्सा महाविद्यालय परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना और इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि निष्पादन एजेंसियों को न केवल इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना सुनिश्चित करना चाहिए, बल्कि अनावश्यक विलंब से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे लागत में वृद्धि होती है। उन्होंने अधिकारियों को सभी प्रकार के अवरोध दूर करने के निर्देश दिए ताकि परियोजनाएं सम्पूर्ण रूप से क्रियान्वयन के लिए पूर्णतः तैयार हो सकें। क्रियान्वयन एजेंसियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छोटे-छोटे कारणों से परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में देरी न हो। चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को क्रियान्वयन एजेंसियों के साथ-साथ ठेकेदारों के साथ भी समन्वय बनाए रखना चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने के लिए समुचित समन्वय प्रणाली विकसित की जानी चाहिए क्योंकि यह परियोजनाएं प्रदेश सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। सभी चिकित्सा महाविद्यालयों का कार्य पूरा होने से प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी। वर्तमान में राज्य में सरकारी क्षेत्र में छह चिकित्सा महाविद्यालय, निजी क्षेत्र में एक महाविद्यायल कार्यशील है जबकि जिला बिलासपुर में एम्स निर्माणाधीन है। इसके अलावा जिला ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेन्टर कार्यशील है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. वाई. एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन का निर्माण 261 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। चिकित्सा महाविद्यालय के शिक्षण खण्ड का निर्माण अगले वर्ष मार्च तक पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए चिकित्सा महाविद्यालय भवन परिसर में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा का निर्माण एनबीसीसी द्वारा किया जा रहा है, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा 170.10 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से के लगभग 18.90 करोड़ रुपये प्रदान किए है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की कुल लागत 290 करोड़ रुपये है और प्रथम चरण में 200 बिस्तर की क्षमता का अस्पताल, छात्रों एवं छात्राओं के छात्रावास, आवासीय परिसर आदि का निर्माण किया जाएगा जबकि दूसरे और तीसरे चरण में प्रशासनिक खण्ड एवं चिकित्सक छात्रावास, एमएस और डीन आवास, सराय भवन और सभागार आदि को पूर्ण किया जाएगा।
हमीरपुर में 355 करोड़ रुपये की लागत से डॉ. राधा कृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल निर्मित किया जा रहा है। इस अस्पताल भवन में 245 मरीजों के लिए वार्ड एचडीयूएस, सात मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, प्रयोगशाला, ब्लड बैंक, सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रा साउंड, एक्स-रे, सेमिनार कक्ष, कैफेटेरिया और अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि अकादमिक ब्लॉक में शोध और प्रदर्शन कक्ष, प्रयोगशाला, फैकल्टी रूम, पुस्तकालय, लैक्चर थियेटर, संग्रहालय और सम्मेलन कक्ष आदि होंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा और जल संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इन तीनों चिकित्सा महाविद्यालयों में ऑटोमेटिक वेस्ट एण्ड लांड्री ट्यूब सिस्टम, स्वचालित सामग्री परिहवन प्रणाली, नर्स कॉल सिस्टम, अग्नि एवं जीवन सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था और स्मार्ट आईपी फोन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में चमियाना के नजदीक इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के 300 विस्तर से अधिक की क्षमता के सुपर स्पेशलिटी ब्लाक का निर्माण अगले चार से पांच माह में पूर्ण हो जायेगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक की ओर जाने वाले सम्पूर्ण मार्ग को चैड़ा करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला के नई ओ.पी.डी. भवन के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की। यह इस वर्ष 31 मार्च तक बन कर तैयार हो जायेगा।