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सीएम ने रॉक साल्ट संयंत्र की स्थापना के लिये भूमि चिन्हित करने के दिए निर्देश

पी.चंद |

मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर से आज मण्डी में हिन्दुस्तान साल्ट्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री एस.पी. बंसल ने मुलाकात कर जिले के निर्वाचन सभा क्षेत्र द्रंग में रॉक सॉल्ट जिसे स्थानीय भाषा में गुम्मा सॉल्ट के रूप में जाना जाता है, के उत्पादन में वृद्धि करने तथा आगे की प्रक्रिया के लिये सरपल्स भूमि को पट्टे पर प्रदान करने का आग्रह किया।

रॉक साल्ट के लिए फेमस है हिमाचल

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बाद द्रंग क्षेत्र भारतवर्ष में रॉक सॉल्ट की सर्वोत्तम खदानों के लिये प्रसिद्ध है। इन खदानों को मई, 1963 में शुरू किया गया था और वन एवं पयार्वरण मंत्रालय से गैर वन स्वीकृति तथा कम्पनी द्वारा रॉयल्टी जमा न करने के कारण 15 जनवरी, 2011 को बन्द हो गई थी। हालांकि मार्च, 2016 में फिर से चालू होने के बाद मैगल, दरंग तथा गुम्मा खानों से रॉक सॉल्ट की खान हर वर्ष 7000 से 10000 मीट्रिक टन नमक निकाल रही है। खदान में 58 मिलियन टन का कुल भण्डारण मौजूद है, जिसका पशुओं के लिये और स्थानीय लोगों द्वारा विभिन्न अनुप्रयोगों तथा दर्द से राहत के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से  मिली मंजूरी

कम्पनी को 300 करोड़ रुपये की लागत का रॉक सॉल्ट संयंत्र स्थापित करने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिली है। सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र होने के अलावा रॉक सॉल्ट खदानें पूरी तरह से चालू होने पर लगभग 2000 से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगी। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त मण्डी को भूमि के मुद्दे पर गौर करने को कहा, ताकि हिमाचल रॉक सॉल्ट अन्तरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बना सके। सांसद श्री राम स्वरूप शर्मा को भी खदानों को पुनः आरम्भ करने में गहरी रूचि दिखाई। मुख्य प्रबन्ध निदेशक ने मुख्यमंत्री को रॉक सॉल्ट का एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।