<p>हिमाचल हाइकोर्ट के फैसले के बाद से एसएमसी शिक्षक सरकार पर उनकी लड़ाई लड़ने का दबाब बना रहे है। उनके पक्ष में विपक्ष भी आ खड़ा हुआ है। विपक्ष सरकार पर एसएमसी शिक्षकों का पक्ष कोर्ट में सही ढंग से न रखने का आरोप लगा रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि एसएमसी शिक्षक दूर दराज के क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देते रहे हैं। इसलिए सरकार उनके साथ है। कोर्ट के ताज़ा फ़ैसले को लेकर रिव्यु पेटिशन डालने पर कानूनी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। सरकार एसएमसी शिक्षकों की मानवीय दृष्टि से मदद करेगी।</p>
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<p>14 अगस्त 2020 हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए एसएमसी अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। जिससे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2600 के करीब एसएमसी शिक्षक सड़क पर आ गए हैं। प्रदेश में 130 स्कूल ऐसे है जो सिर्फ़ एसएमसी के भरोसे ही चल रहे है। वर्ष 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट के सरकारी आदेशों का पालन करते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं।</p>
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