मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को शिमला में कहा कि राज्य पुलिस विभाग में मानद सहायक उप-निरीक्षक के पद सृजित किए जाएंगे। 32 वर्ष की सेवा अवधि वाले मानद मुख्य आरक्षियों और मुख्य आरक्षियों को मानद सहायक उप निरीक्षक के पद पर तैनाती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस के राजपत्रित अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए शिमला के भराड़ी में पुलिस प्रशिक्षण अकादमी खोले जाने का भी प्रस्ताव है।
उन्होंने का कि वर्ष 2002 में बीजेपी सरकार ने ही राज्य पुलिस में मानद मुख्य आरक्षी के पद को भी स्वीकृति दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मानद सहायक उप निरीक्षक जिला और बटालियन मुख्यालयों में दो सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। मानद सहायक उप निरीक्षकए सहायक उप निरीक्षक की वर्दी, बैज और स्टार भी धारण कर सकेंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस निर्णय से लगभग 500 पुलिस कर्मी लाभान्वित होंगे और इस पर कुल 8.30 लाख रुपये का सालाना वित्तीय खर्च आएगा। मानद सहायक उप निरीक्षकों को प्रति माह 200 रुपये का विशेष वेतन मिलेगा और 32 वर्ष की सेवा वाले सभी कर्मियों को मानद सहायक उप निरीक्षक पद से सेवानिवृत होने का अवसर मिलेगा। इससे न सिर्फ इनके आत्मसम्मान को बल मिलेगा बल्कि समाज में एक ऊंचे ओहदे से सेवानिवृत्त होने का संतोष रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पुलिस में कार्यरत कर्मचारियों एवं अधिकारियों का मनोबल भी बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस बल में 70 प्रतिशत से अधिक आरक्षियों और मानद मुख्य आरक्षियों की संख्या है। मानद सहायक उप निरीक्षकों से न सिर्फ पुलिस अन्वेषण करवाया जा सकेगा बल्कि राज्य पुलिस के पास कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी अधिक संख्या में सहायक उप निरीक्षक उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के राजपत्रित अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए शिमला के भराड़ी में एक पुलिस प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र डरोह के बाद यह प्रदेश में दूसरी अकादमी होगी। वर्तमान में प्रदेश काडर के आईपीएस तथा एचपीएस अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए हरियाणा या पंजाब जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस अकादमी के माध्यम से उच्च कोटी का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता है।