सिरमौर जिले के गिरिपार में बसे हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का मामला फिर गरमा गया है। हाटी समुदाय का प्रतिनिधिमंडल प्रतिनिधिमंडल कुछ दिन पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री से मिला है। जिसके बाद मामले में अटकाने लटकाने और भटकाने के दौर से अब मामला बाहर निकालने के आसार हैं। ऐसा इसलिए कि केंद्र की मोदी सरकार एक बार फिर से मजबूती के साथ हाटियों के पक्ष में खड़ी है। अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून के बावजूद हजारों छात्रों को नौकरियों के लिए पात्र नहीं बन पा रही है। यह बात शिमला में हाटी समुदाय की शिमला इकाई के अध्यक्ष रमेश सिंह हटाने कही।
रमेश सिंगटा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि पूर्व चार अगस्त को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अधिसूचना जारी की थी लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें संवैधानिक और कानूनी अधिकारों से वंचित रहना पड़ रहा है।उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से हस्तक्षेप करने की मांग उठाते हुए कहा कि वह प्रदेश हाईकोर्ट में मामले की मजबूती से पैरवी करें। दशकों से लंबी लड़ाई लड़ रही समिति ने अपना पक्ष केंद्र के समक्ष मजबूती के साथ रखा है। रमेश सिंगटा ने राज्य ओर केंद्र से आग्रह किया कि वह उनके अधिकारों को दिलाने के लिए जरूरी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि हाटी पिछले 6 दशकों से राजनीतिक उपेक्षा के शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा कि मामले में अब युवा वर्ग आंदोलन की ओर अग्रसर होगा।