मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल के साथ बैठक की। बैठक में व्यापारियों की सुविधा के लिए राज्य में वस्तुओं पर बाजार शुल्क को युक्तिसंगत बनाने के लिए सचिव कृषि की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार व्यापारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके सुचारू व्यवसाय के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 16वीं से 7वीं रैंक तक सुधार हुआ है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार और व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए राज्य, जिला और तहसील स्तर पर जीएसटी सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा। इससे सरकारी कार्यालयों में आने वाले व्यक्तियों की संख्या में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि संकट के समय में व्यापारियों और उनके परिवारों को राहत देने के लिए व्यापारी कल्याण कोष की स्थापना की मांग पर भी राज्य सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। सरकार व्यापारियों को समूह बीमा योजना के तहत लाने के मामले पर भी विचार करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में अनुपालन संबंधी प्रश्नों और हितधारकों के मुद्दों के समयबद्ध निवारण के लिए और जीएसटी कानून और प्रक्रियाओं में हो रहे परिवर्तनों के बारे में अवगत कराने के लिए टैक्स हाट कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग जीएसटी राजस्व वृद्धि के लिए स्वैच्छिक अनुपालन बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारियों की सुविधा के दृष्टिगत सभी अप्रासंगिक नियमों को समाप्त कर दिया जाएगा। व्यापारी कल्याण बोर्ड की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी ताकि व्यापारियों के कल्याण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा सके। सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि दुकानों से सैंपल लेने वाले स्वास्थ्य अधिकारी या कोई भी सरकारी प्राधिकारी इस संबंध में व्यापारियों को तुरंत भुगतान करें। उन्होंने कहा कि सरकार दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खुलने और बंद होने के समय को भी युक्तिसंगत बनाएगी ताकि व्यापारियों के हित सुरक्षित रखते हुए उन्हें सुविधा प्रदान की जा सके।