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औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए सरकारी और निजी भूमि चिन्हित करने के लिए होगा कमेटियों का गठन: CM

पी. चंद, शिमला |

राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक एवं अन्य इकाइयों को स्थापित करने के उद्देश्य से सरकारी व निजी भूमि चिन्हित करने के लिए संबंधित उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटी गठित करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिम प्रगति पोर्टल की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन परियोजनाओं पर समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र स्वीकृतियां प्रदान करना सुनिश्चित बनाएं। उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन जैसे प्रमुख विभागों के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, उन्हें तय समय सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने विशेषकर वन स्वीकृतियों के समयबद्ध निपटारे पर बल देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि निवेशकों को स्वीकृतियां प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

उन्होंने कहा कि हिम प्रगति पोर्टल की सुविधा आरम्भ होने से पहले निवेशकों को अपनी परियोजनाओं को स्वीकृत करवाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश से प्रदेश के विकास में सहयोग मिलता है इसलिए यह आवश्यक है कि सरकार निवेशकों को हरसंभव सहायता प्रदान करे। जयराम ठाकुर ने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन बहुत सफल रहा और सरकार 93 हजार करोड़ रुपये के निवेश वाले 709 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि हिम प्रगति पोर्टल के माध्यम से 78 निवेशकों ने अपने 200 मुद्दे उठाए थे, जिनमें से 154 का समाधान किया जा चुका है। इसके साथ-साथ सरकार सुनिश्चित बना रही है कि धारा 118 के सभी मामलों को आॅनलाइन स्वीकृतियां दी जाएं। इससे निवेशकों के समय की बचत होगी और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं के अनुश्रवण के लिए हिम प्रगति पोर्टल बहुत उपयोगी साबित हो रहा है क्योंकि इससे परियोजनाओं की तीव्र स्वीकृतियां सुनिश्चित हो रही हैं। निवेशक इसके माध्यम से अपनी परियोजनाओं पर हो रही प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने निवेशकों को आह्वान किया कि इस पोर्टल के माध्यम से अपनी समस्याएं सामने रखें ताकि उनका समयबद्ध निपटारा हो सके। उन्होंने कहा कि निवेशकों को निर्धारित समय में सभी स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए सभी बड़ी परियोजनाओं के नोडल अधिकारी तैनात किए जाने चाहिएं। उन्होंने अधिकारियों को प्रत्येक निवेशक के साथ नियमित रूप से सम्पर्क में रहने और उनकी ओर से उठाई गई किसी भी समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने के निर्देश दिए।

जयराम ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेश के लिए उपयुक्त माहौल तैयार किया है। इसके लिए कई अनापत्ति प्रमाणपत्रों की अनिवार्यता को हटाया गया है और नीतियों को भी सरल किया गया है। भारत सरकार की ओर से जारी रैंकिंग में व्यापार में सुगमता में हिमाचल प्रदेश को श्रय दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन दे रही है, जिसके परिणामस्वरूप निवेशक यहां अपनी इकाइयां स्थापित करने में रूचि दिखा रहे हैं। उनकी सुविधा के लिए सरकार ने पर्यटन नीति, फिल्म नीति, सूचना प्रौद्यागिकी नीति और आयुष नीति आदि अधिसूचित की हैं।

शहरी विकास मंत्री सरवीन चैधरी ने इस अवसर पर कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन की सफलता से प्रदेश की आर्थिकी में जबरदस्त बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा व पर्यटन के अलावा आवास, शहरी विकास क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। इनमें आवास निर्माण, स्मार्ट पार्किंग और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम आदि शामिल हैं। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि हिम प्रगति पोर्टल से निवेशकों को बहुत राहत मिली है और वह आसानी से अपनी परियोजनाओं के संदर्भ में हो रही प्रगति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने आश्वस्त किया कि अधिकांश एमओयू को शीघ्र धरातल पर उतारने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर मीट आयोजित करने और हिम प्रगति पोर्टल आरम्भ करने का श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है, जिसके कारण प्रदेश में निवेश बढ़ रहा है और निवेशकों को सुविधा मिल रही है। मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डी.सी. राणा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। विभिन्न औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए, जिन्होंने राज्य में अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं।