करुणामूलक संघ के प्रदेशअध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि आश्रित लंबे अरसे से करुणामूलक आधार पर भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं और इस दौरान विधायकों, मंत्रीयों और मुख्यमंत्री से मिलकर भी काफी बार बात को रखा गया है। लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला है। जिसके चलते करुणा मुल्क संघ 30 जुलाई से क्रमिक अनशन पर बैठा है। आज क्रमिक अनशन का 13 वां दिन शुरू हो गया।
प्रदेश में करुणामूलक आधार पर 4500 आश्रितों को नौकरियां नहीं मिली हैं और विभागों, बोर्डों, निगमों में पद खाली चल रहे हैं। आश्रितों ने मांग की है कि करुणामूलक आश्रितों को वन टाइम सेटलमेंट के तेहत सभी को एक साथ नियुक्तियां दी जायें।
बता दें कि आश्रितों को 15 वर्ष से भी अधिक का समय आवेदन किए हुए हो गया है। लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली है। सरकार आश्रितों को नौकरी देकर जल्द राहत देने के लिए काम करें। उधर करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी सरकार कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाई है।
संघ की मुख्य मांगे :-
1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों को जो 7/03/2019 की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको One Time Settlement के तेहत सभी को एक साथ नियुक्तियां दी जाएं।
2) करुणामूलक आधार पर नोकरियों वाली पॉलिसी में संसोधन किया जाए औक उसमें Rs 62500 एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए
3) योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणीयो में नौकरी दी जाऐ ।
4) 5% कोटा शर्त को हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तोर पर नियुक्तियां दे सके
5) जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए
6) जिनके कोर्ट केस वहाल हो गए हैं उन्हे भी नियुक्तियां दी जाए।