200 से ज्यादा कंप्यूटर शिक्षकों पर गाज गिरी है। छुट्टियों के दौरान इन शिक्षकों को स्कूलों में ड्यूटी देनी होगी। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो शिक्षकों को शीतकालीन अवकाश का वेतन नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने स्कूलों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने तर्क दिया है कि विभाग और नायलेट के बीच हुए करार के क्लाज नम्बर में 1.11 में कम्प्यूटर शिक्षकों को छुट्टियों का वेतन देने का प्रावधान नहीं है। उन्हें छुट्टियों के दौरान स्कूलों में ड्यूटी देनी होगी, तभी उन्हें वेतन दिया जाएगा। इस दौरान शिक्षकों को सरकारी छुट्टियां ही मिलेंगी।
वेतन नहीं दिया तो जाएंगे कोर्ट
वहीं कंप्यूटर शिक्षकों का कहना है कि विभाग के निर्देशों से प्रति शिक्षक को 22 हजार रुपए तक का नुक्सान उठाना पड़ेगा। पहले ही शिक्षक स्कूलों में 17 वर्षों से आऊटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। यदि इस दौरान शिक्षकों की सैलरी जारी नहीं की तो वे मामले पर कोर्ट जाएंगे। प्रदेश कम्प्यूटर शिक्षक संघ के प्रैस सचिव राजेश शर्मा ने कहा है कि वर्ष 2013 में भी शिक्षकों को छुट्टियां का वेतन दिया गया था।
उस समय भी यही शर्तें थीं। उनका कहना है कि हायर एजुकेशन के नॉम्र्स के मुताबिक एमओयू में शर्तें तय की गई थीं और इसके तहत टीचिंग फकैल्टी को 52 दिन की छुट्टियां दी जाती हैं। कम्प्यूटर शिक्षक भी इसी श्रेणी में आते हैं तो उन्हें छुट्टियां क्यूं नहीं दी जा रही हैं। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि विभाग इसमें दोहरे मापदंड अपना रहा है।