शिमला में पानी की किल्लत पर हिमाचल कांग्रेस ने बीजेपी शासित शिमला नगर निगम की बर्खास्तगी की मांग की है। पार्टी का आरोप है की शहर की जनता जहां बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है तो वहीं इससे टूरिज्म इंडस्ट्री को भी एक बड़ा धक्का लगा है। ऐसे में बीजेपी को नगर निगम पर काबिज रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसे बर्खास्त करवाने के लिए सोमवार को कांग्रेस का विधि विभाग राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगा।
कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष आई एन मेहता का कहना है की लोगों को पानी मुहैया करवाना नगर निगम का पहला कर्तव्य है और लोगों का मौलिक अधिकार भी है। लेकिन, बीजेपी शासित नगर निगम पानी मुहैया करवाने में पूरी तरफ से नाकाम रहा है। ऐसे में नगर निगम को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
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लिहाजा, कांग्रेस राज्यपाल को ज्ञापन देकर नगर निगम की बर्खास्तगी की मांग करेगी। आई एन मेहता का आरोप है कि शहर की जनता की पानी को लेकर परेशानी न ही सरकार और न ही प्रशासन समझ रहा हैं। नगर निगम मेयर चाइना दौरे पर हैं विधायक जनता का सामना करने से डर रहे हैं। पानी के संकट को लेकर दुनिया भर में शिमला बदनाम हुआ है और ऐसा पहली बार हुआ है कि पानी की कमी के चलते स्कूलों में छुट्टियां करनी पड़ी।
वहीं, लोग पानी के लिए चक्का जाम कर अपनी बात सरकार के कानों में डालने की कोशिश कर रहे लोगों पर झूठे मुक़दमे बनाने के आरोप भी कांग्रेस ने लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि सरकार लोगों की आवाज दबा रही है और उन पर मुक़दमे बना उन्हें डराने का प्रयास किया जा रहा है।