हिमाचल

केंद्र की भाजपा सरकार राजनैतिक रोटियां सेकना बंद करे: पं. अशोक हिमाचली

केंद्र की भाजपा सरकार राजनैतिक रोटियां सेकना बंद करें. अशोक हिमाचली कांगड़ा चंबा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रवक्ता ने भगवान राम सियाराम की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि भाजपा इस मसले पर राजनीतिक रोटियां सीखना और नौटंकी करना बंद करे. उन्होंने कहा कि हम सनातनी हैं और भगवान राम सनातन संस्कृति का प्रतीक है. अयोध्या में भगवान राम मंदिर का मंदिर बना सौभाग्य की बात है और इसकी पृष्ठभूमि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने रखी थी, जब 1986 में मंदिर के कपाट खुलवाए गए थे. उस समय उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह थे.

वर्ष 1992 दिसंबर 6 को वहां पर मौजूद मस्जिद का ढांचा विश्व हिंदू परिषद ने कर सेवा का बहाना लेकर गिराया था और कई लोगों की कर सेवा के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी थी. प्रदेश प्रवक्ता अशोक हिमाचली ने कहा कि तत्कालीन देश के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने साल 1993 को इस मंदिर के लिए भूमि का अधिग्रहण करके सरकारी कब्जे में लेकर अधिनियम बनाकर अधिग्रहण कर ली थी, जिस पर तत्कालीन देश के महामहिम राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने मंजूरी दी तब भी भाजपा का रवैया नकारात्मक ही रहा. उसके बाद भाजपा ने राम मंदिर को राजनीतिक मुद्दा बना लिया. राम मंदिर का मामला माननीय उच्च न्यायालय के विचाराधीन हो गया. 6 अगस्त से 16 अक्टूबर वर्ष 2019 को इस मामले पर 40 दिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला संविधान पीठ द्वारा 45 मिनट तक सुनाया गया, तो 1045 पन्नों के फैसले ने देश के इतिहास के सबसे अहम व पुराने विवाद का अंत कर दिया.

इससे भाजपा का क्या रोल रहा पंडित अशोक हिमाचली ने कहा कि यह वही स्थान है, जिसको साल 1993 को देश में कांग्रेस की सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे पीवी नरसिम्हा राव ने भगवान राम के मंदिर के लिए भूमि अधिग्रहण किया था. हिमाचली ने चुटकी लेते हुए बताया है कि भाजपा को प्राण प्रतिष्ठा करवाने में इतनी जल्दबाजी क्यों है क्या उन्होंने माननीय शंकराचार्य धर्मगुरु जी से कोई मंत्रणा या विचार विमर्श किया है या उनकी सहमति ली है, क्योंकि ना ही कोई रामनवमी का दिन है अप्रैल के महीने में रामनवमी के दिन अगर इसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाती तो सनातन धर्म हिंदुओं के लिए और समाज में सभी धर्मो के लिए अच्छा संदेश होता. मुझे लगताहै की बीजेपी भगवान राम को राजनीतिक मुद्दा बनाकर राजनीति में घसीटना चाहती हैं धर्म की आड़ में राजनीति अच्छी नहीं होती और ना ही भविष्य में और लोकसभा के चुनावो में इसे राजनीति का मुद्दा न बनाया जाए. इससे जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी और जनता इसे कभी भी माफ नहीं करेगी.

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