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जेपी नड्डा के दौरे को कांग्रेस ने बताया शुद्ध रूप से राजनीतिक लाभ से प्रेरित

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5 जनवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल के दौरे पर आने वाले हैं. जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस प्रवास को भाजपा भव्य बनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे पर सियासी हमले करना शुरू कर दिया है. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने जेपी नड्डा पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव नजदीक है. ऐसे में जगत प्रकाश नड्डा को हिमाचल की याद आई है. उन्होंने केंद्र सरकार पर हिमाचल के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. इसके अलावा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया और EVM को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं.

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को चुनाव के काल में हिमाचल प्रदेश की याद आई है और उनका स्वागत है. नड्डा हिमाचल आएं ये उनका आधिकार है लेकीन साथ ही उनसे से कुछ सवाल भी है. प्रेम कौशल ने कहा कि जब भाजपा प्रदेश की सत्ता से बाहर हुई और जनादेश कांग्रेस को मिला, उसके बाद से केंद्र की भाजपा सरकार प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की आज की आर्थिक स्थिति के लिए पूर्व की भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद केंद्र सरकार ने कर्ज लेने पर सीमा लगा दी. वहीं जब वॉटर सेस प्रदेश सरकार ने लगाया तो केन्द्र ने उस पर भी कंपनियों को प्रदेश सरकार को वाटर सैस न देने के लिए कहा. वर्तमान कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में OPS लागू किया, ऐसे में फिर केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को दंडित करने का काम किया. प्रदेश को दण्डित करने के लिए प्रति वर्ष मिलने वाले 1750 करोड़ पर भी रोक लगा दी. अब जेपी नड्डा हिमाचल आ रहे हैं. उनका यह दौरा पूरी तरह से चुनाव को लेकर है. हिमाचल से होने के बावजूद आपदा के समय मे उनको प्रदेश की याद नहीं आई. अब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं तो हिमाचल में नड्डा रोड शो करेंगे.

इस दौरान हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता कौशल ने कहा कि जिस तरह से तीन राज्यों में चुनाव के दौरान मीडिया रिपोर्ट्स के बावजूद चुनाव परिणाम बिल्कुल विपरीत आए उससे EVM पर भी शक पैदा होता है. उन्होंने कहा कि इसका जिक्र मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह भी कर चुके हैं. वहीं उन्होंने कहा कि भाजपा का न तो संविधान पर भरोसा है, न ही प्रदेश की न्याय व्यवस्था पर. ऐसे में केंद्र की भाजपा सरकार चुनाव आयुक्त के चुनाव में CJI को नहीं रखना चाहती है. केंद्र सरकार का चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में इन्फ्लुएंस कम न हो. केंद्र सरकार के इस दृष्टिकोण के कारण यह शक और गहरा होता है की कुछ तो गड़बड़ है.