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MS धोनी को स्टेट गेस्ट बनाने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, पूछा- दूसरे खिलाड़ियों से भेदभाव क्यों?

पी. चंद |

निजी विज्ञापन फिल्म की शूटिंग के लिए शिमला पहुंचे क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को हिमाचल सरकार ने स्टेट गैस्ट बनाया है। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने कहा कि सरकार पैसे वाले खिलाड़ियों को ही राज्य अतिथि न बनाए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह ने कहा कि क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी निजी कार्य के लिए शिमला आए हैं। हिमाचल और देश के अन्य खिलाड़ी भी हैं जो राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए मेडल लाए हैं। सरकार उन्हें भी राज्य अतिथि का दर्जा क्यों नहीं देती। सरकार मेडल लाने वाले खिलाड़ी को एक बार राशि दे कर उन्हें दूसरी कोई सुविधा नहीं देती है।

बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे एमएस धोनी को हिमाचल की जयराम सरकार ने स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया है। धोनी एक निजी विज्ञापन फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में मंगलवार को शिमला पहुंचे थे। धोनी के शिमला आने से पहले ही 25 अगस्त को हिमाचल सरकार ने उन्हें स्टेट गेस्ट का दर्जा देने संबंधी आदेश जारी कर दिया था। अमूमन स्टेट गेस्ट का दर्जा प्राप्त वीवीआईपी हिमाचल सरकार के राज्य अतिथि गृह पीटरहाफ में ठहरते हैं, लेकिन एमएस धोनी निजी कारणों से शिमला के एक निजी होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल में ठहरे हैं।

प्रेजीडेंट, वाइस प्रेजीडेंट के अलावा ये हैं स्टेट गेस्ट के पात्र

हिमाचल प्रदेश में स्टेट गेस्ट का दर्जा दिए जाने को लेकर बाकायदा नियम हैं। हिमाचल में स्टेट गेस्ट नियम 1990 के अनुसार प्रेजीडेंट, वाइस प्रेजीडेंट, पीएम, सीजेआई, सुप्रीम कोर्ट के जज, सीएम, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल पहली कैटेगरी में आते हैं, जो स्टेट गेस्ट के तौर पर पात्र हैं। दूसरे वर्ग में केंद्रीय आयोगों व बोर्ड अध्यक्ष, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्य सचिव हैं। तीसरे वर्ग में आधिकारिक यात्रा पर आए वीवीआईपी शामिल हैं। इसमें ये शर्त है कि ये यात्रा राज्य सरकार के कार्य से जुड़ी हो। चौथे वर्ग में ऐसे वीआईपी शामिल हैं, जो राज्य के सरकारी विभागों के कार्य के सिलसिले में आएं।