राजधानी सहित पूरे प्रदेश में पेयजल के लिए मचे हाहाकार ने बीजेपी सरकार की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। विपक्षी दल कांग्रेस को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है और कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक मैदान में रगड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली।
शिमला में पानी की समस्या पर निगम और सरकार के फीसडी साबित होता देख कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश अध्यक्ष सुखविदंर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि 5 दिनों में इसका समाधान नहीं हुआ तो कांग्रेस प्रदेश में चक्का जाम करेगी।
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सुक्खू ने कहा कि सरकार भीषण गर्मी में लोगों को पर्याप्त पेयजल मुहैया कराने में पूरी तरह विफल रही है। शर्म की बात तो यह है कि सरकार का काम हाईकोर्ट को करना पड़ रहा है। पानी वितरण की मॉनिटरिंग भी हाईकोर्ट की निगरानी में हो रही है। इससे बड़ा सवालिया निशान सरकारी सिस्टम पर और क्या हो सकता है।
सुक्खू ने किए सवाल…??
- सुक्खू ने सीएम जयराम ठाकुर से पूछा है कि क्या उनके सौ दिन के एजेंडे में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति का वादा शामिल नहीं था?
- सरकार ने अपनी प्रथमिकताओं में पेयजल आपूर्ति को शामिल ही नहीं किया, क्या भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र मात्र दिखावा है?
- केंद्र में भी बीजेपी सरकार है, प्रदेश में भी और शिमला नगर में भी बीजेपी ही काबिज है, बावजूद इसके पेयजल संकट दूर करने के लिए कौन की अड़चन आ रही है?
IPH मंत्री पर निशाना
सुक्खू ने आईपीएच मंत्री को भी पूरे मामले में घेरा है और कहा कि मंत्री को इस बात की भनक ही नहीं लगी कि राजधानी सहित पूरे प्रदेश में विकराल जल संकट खड़ा होने जा रहा है। राजधानी में तो पेयजल वितरण सिस्टम में भी खामियां हैं। कहीं रसूखदारों को खुश किया जा रहा है तो कहीं हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी आम जनता को पानी नहीं मिल रहा।