हिमाचल सरकार द्वारा पूर्व की भाजपा सरकार के खिलाफ विधानसभा सदन में श्वेत पत्र लाया गया है जिसको लेकर कांग्रेस और भाजपा में घमासान छिड़ गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने श्वेत पत्र को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए इस श्वेत पत्र को कूड़ेदान में डालने की बात कही है और सरकार पर झूठ बोलकर सत्ता में आने के आरोप लगाए हैं। वही दूसरी तरफ डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने श्वेत पत्र को भाजपा सरकार की वित्तीय अनियमितताओं का कच्चा चिट्ठा करार दिया है।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस झूठी 10 गारंटी देकर सत्ता में आई है और अब झूठ बोल कर सरकार चलाने की कांग्रेस कोशिश कर रही है। कांग्रेस सरकार 10 गारंटी पूरी न होने पर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए श्वेत पत्र लेकर आईं हैं जिसमें सच्चाई नहीं है केवल झूठे आंकड़े पेश किए जा रहे हैं। भाजपा ने कोविड कोविड के कठिन दौर में भी प्रदेश को बखुबी संभाला।
वहीं डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश को कर्ज के दलदल में धकेला है और पार्टी के कार्यक्रमों को सरकारी खजाने से करवाया ताकी चुनावों में उसका फायदा मिल सके। पूर्व सरकार ने लगभग 92 हज़ार करोड़ रुपए की देनदारियां छोड़ी है।
फिजूलखर्ची को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।15 वें वितायोग में प्रदेश जयराम ठाकुर सरकार अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रख पाई जिस वजह से केवल 8 फीसदी ही बढ़ौतरी हुई जबकि 14 वें में 232 फीसदी थीं। इसके अलावा इन्वेस्टर मीट ,आजादी का अमृत महोत्सव, प्रगतिशील हिमाचल कार्यक्रमों के माध्यम से हिमाचल के खजाने को करोड़ों चपत लगाई गई। जबकि संसाधनों को अर्जित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।