भारत-चीन तनाव के बीच जहां केंद्र सरकार ने सामरिक महत्व और बॉर्डर के आसपास के निर्माण कार्य में तेजी लाने की कवायद शुरू की है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में हिमाचल तिब्बत सीमा पर एक हेलीपैड का निर्माण पांच साल से लटका है। इसके निर्माण में कांग्रेस और भाजपा सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। अब निर्माण कार्य के लटने पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
हिमाचल में किन्नौर में तिब्बत सीमा से मात्र 26 किलोमीटर पहले हिंदुस्तान का आखिरी गांव चारंग है। यहां पर सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत 30 लाख की लागत से हेलीपैड का निमार्ण होना है, जो कि पिछले पांच साल सेठंडे बस्ते में पड़ा है। सीमाओं की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हेलीपैड के निर्माण में देरी को लेकर लोक निर्माण विभाग के कार्य पर भी सवाल उठने लगी है।
बता दें कि तिब्बत सीमा के पास बसे गांव चारंग में बॉर्डर एरिया डेवलपमेट प्रोग्राम के तहत लोक निमार्ण विभाग को 25 लाख की धनराशि साल 2014 में दी गई थी। 19 नवम्बर 2015 को पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह ने आधारशिला रखी। उस के बाद साल 2018 में बीएडीपी के तहत और 5 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई। ऐसे में 2015 के बाद अब तक लोक निर्माण विभाग ने 30 लाख में से मात्र 8 लाख ही धनराशि खर्च पाई है।
वहीं, गांव चारंग के प्रधान ने कहा कि सीमांत क्षेत्र में सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण चारंग गांव में हेलीपैड का निर्माण विभाग की उदासीन के शिकार हो रहा है। पिछले करीब चार साल से हेलीपैड निर्माण का कार्य पूरी तरह से रुका हुआ है।