<p>प्रदेश के हजारों पीटीए अनुबंध अध्यापकों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर शिमला में सचिवालय के बाहर जबरदस्त धरना प्रदर्शन और नारेबाजी की। पीटीए अनुबंध अध्यापकों ने सरकार पर उनके साथ भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए कहा कि 4 साल अनुबंध पर सेवाएं देने के बावजूद भी प्रदेश सरकार उन्हें नियमित नहीं कर रही है। अध्यापकों ने सरकार से पूछा है कि उनके साथ सरकार दोहरी भेदभाव की नीति क्यों अपना रही है। कोर्ट ने भी अनुबंध पीटी अध्यापकों को नियमित करने के आदेश दे दिए हैं बावजूद इसके सरकार अध्यापकों को नियमित नहीं कर रही है।</p>
<p>पिछले लंबे अरसे से पीटीए अध्यापक सरकार से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही, जिसके चलते मजबूरन आज अध्यापकों को बच्चों की पढ़ाई छोड़कर सड़कों पर धरने प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं। अध्यापकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने अगर जल्द पीटीए अध्यापकों की इस मांग को पूरा नहीं किया तो आने वाले समय में अध्यापक और भी उग्र प्रदर्शन करेंगे। अनुबंध शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष बबिल ठाकुर ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है सरकार हमारी मांगों पर गौर करेगी और आने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में पीटीए अनुबंध अध्यापकों को नियमितीकरण का तोहफा देगी।</p>
<p>गौरतलब है कि पीटीए शिक्षकों ने कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अनुबंध आधार पर सेवाएं देने शुरू की हैं। लेकिन सरकार ने अध्यापकों को 3 वर्ष कॉन्ट्रैक्ट पर सेवाएं देने के बाद भी नियमित नहीं किया है। जबकि ट्रिब्यूनल कोर्ट ने अध्यापकों को नियमित करने के सरकार को आदेश दे दिए हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक पीटीए अध्यापकों को नियमित नहीं किया है।</p>
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