हिमाचल में शराब से जुड़े कारोबारी घाटे को लेकर सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं होने पर ठेके बंद करके उसकी चाबियां एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग को सौंपने की चेतावनी दे दी है।
शनिवार को पूरे प्रदेश से शराब के ठेकेदार एक्सईन विभाग पहुंचे और कमिश्नर से मिले और लाईसेंस फीस देने के लिए दो महीने की मोहलत देने की गुहार लगाई। वही कमिश्नर ने मुख्यमंत्री के समक्ष ये मामला रखने का आश्वासन दिया।
हिमाचल शराब ठेकेदार यूनियन का कहना है कि आपदा की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पर्यटक हिमाचल नही आए है और आपदा के समय सेल में 60 फीसदी की कमी आई है जिसके चलते एक्साइज फीस देने में असमर्थ है। सरकार ने कोरोना समय में भी राहत दी थी और अब आपदा को देखते हुए सरकार राहत दे।
सरकार ने दो महीने की एक्साइज फीस 7 नवंबर तक जमा करवाने के फरमान दिए है और कोई भी ठेकेदार फीस जमा करवाने की हालत में नही है। ऐसे में सरकार उन्हें राहत नही देती है तो मजबूरन ठेके बन्द कर 8 नवंबर को चाबियां सरकार को सौंप देंगे।
हिमाचल प्रदेश शराब ठेकेदारों के प्रदेश अध्यक्ष अनंतराम वर्मा ने कहा कि यूनियन ने कई बार मुख्यमंत्री से भी राहत की गुहार लगा चुके है। लेकिन कोई राहत नही दी जा रही है। ठेकेदारों द्वारा बैंक से लोन लिया हुआ है।
सरकार से मांग की गई है कि दो महीने की एक्साइज फीस राहत दे। इसके अलावा उन्होंने सरकार से बाहरी राज्यो शराब तस्करी पर रोक लगाने की मांग की और कहा कि पड़ोसी राज्यो में शराब सस्ती है और यहां आ कर शराब बेच रहे है जिससे नुक्सान हो रहा है।