भले ही भारत सरकार द्वारा देश के हर राज्य में चलाया जा रहा कोर्निया अंधत्व मुक्त अभियान चलाया जा रहा हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में यह अभियान दम तोड़ती नजर आ रही है। कारण इस अभियान के तहत प्रत्येक जिला को मिलने वाली एक लाख रुपये की आई कलेक्शन किट का कोई अता-पता नहीं है। जिला ऊना में नेत्रदानी भी उपलब्ध हैं और नेत्र सहायक भी उपलब्ध हैं। लेकिन कलेक्शन किट न होने के कारण कोर्निया अंधत्व मुक्त अभियान को झटका लग रहा है। ऐसे में हयूमन राईट प्रोटैक्टर सैल एंड वैलफेयर एसोसिएशन ऊना ने जिला परिषद सदस्य पंकज सहोड़ को पत्र लिख आई कलेक्शन किट से जारी एक लाख रुपये का प्रावधान करने की मांग उठाई है।
हयूमन राईट प्रोटैक्टर सैल एंड वैलफेयर एसोसिएशन ऊना के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने जिप सदस्य को पत्र लिखते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा देशभर में कोर्निया अंधत्व मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। प्रत्येक राज्य सरकार भी सितंबर माह में 15 दिन के पखवाड़े के रूप में विशेष रूप से इस अभियान को चलाती है। इसमें एक बड़ी स्वयंसेवी संस्था सक्षम भारत भी सरकार के साथ सहयोग कर रही है। संस्था की हिमाचल इकाई के उपाध्यक्ष और आईजीएमसी शिमला के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. विनय गुप्ता से मिली जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले प्रत्येक जिला को एक लाख रुपये की राशि आई कलेक्शन किट के लिए हिमाचल को प्रदान की गई थी। लेकिन अभी तक एक लाख रुपये की राशि का व्यय नहीं हुआ है।
सुरेश कुमार ने बताया कि हमारे पास नेत्र सहायक के साथ-साथ नेत्रदानी भी है। इसके अलावा कुछ लोगों द्वारा भरे नेत्रदान प्रतिक्षा पत्र भी है। लेकिन आई कलेक्शन किट नहीं है। उन्होंने कहा कि कार्निया अंधत्व मुक्त भारत अभियान जैसे पावन कार्य में हम जिला ऊना को शिखर पर पहुंचा सकते हैं, अगर हमें किट का प्रावधान हो सके। इसके लिए सुरेश कुमार ने जिला परिषद सदस्य से मामले में हस्तक्षेप कर आवश्यक कदम उठाने का आह्वान किया है।
क्या कहते हैं जिप सदस्य
जिला परिषद सदस्य पंकज सहोड़ ने कहा कि आई कलेक्शन किट के प्रावधान को लेकर संस्था द्वारा पत्र मिला है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिला परिषद अध्यक्षा को पत्र लिख दिया गया है और जल्द राशि के व्यय का विवरण उपलब्ध करवाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर जिप की बैठक में भी मामले को उठाया जाएगा।