मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में थोड़े से समय में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है जो चिंता का विषय है। प्रदेश में मौजूदा समय में 2700 से अधिक मामले सक्रिय चल रहे हैं। इसमें से अधिकांश मामले ग्रामीण क्षेत्रों से सामने आए हैं, जबकि प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों और शहरों में बहुत कम मात्रा में लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे ये सिद्ध होता है कि प्रदेश में पर्यटकों के आने से कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि महामारी के फैलने का प्रमुख कारण सामाजिक समारोह, विवाह और दावतें हैं। ये बात मुख्यमंत्री ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए जिला उपायुक्तों से बात करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को ग्रामीण क्षेत्रों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान केंद्रित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त ऑक्सीजनयुक्त और सामान्य बिस्तर, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, परीक्षण किट और वेंटिलेटर हैं और 28 अतिरिक्त पीएसए संयंत्र स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि आठ पीएसए संयंत्रों पर कार्य पहले ही पूरा हो चुका है और 31 अगस्त, 2021 तक दस और पीएसए संयंत्रों के कार्य पूर्ण हो जाएंगे। जयराम ठाकुर ने कुल्लू, मंडी, शिमला, चंबा और किन्नौर के जिला प्रशासन को इन जिलों के विभिन्न हिस्सों में चल रहे सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए मजदूरों की जांच की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए और प्रतिबंध लगाने और स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार करेगी। राज्य ने टीकाकरण अभियान में शून्य प्रतिशत बर्बादी के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान को तीव्र करने की आवश्यकता है, क्योंकि टीकाकरण इस वायरस को रोकने का सबसे सुदृढ़ उपाय है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हमीरपुर, कुल्लू, बिलासपुर, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों ने पहली खुराक के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा कर लिया है और दस दिनों के भीतर 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 29 प्रतिशत लोगों ने दूसरी खुराक ली है और नवम्बर, 2021 तक राज्य के सभी लोगों का टीकाकरण कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को पीएसए संयंत्रों की स्थापना के लिए सिविल और विद्युत कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को यह सुविधा शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि सीमा और अन्य क्षेत्रों में चेकिंग की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस विभाग की निधि और मानव संसाधन को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि जिलों को सेब सीजन के दौरान सड़कों के रख-रखाव और वाहनों के सुचारू संचालन की तैयारी पर ध्यान देना चाहिए।