लगता है स्कूलों को खोलने का सरकारी दांव उल्टा पड़ने लगा है। प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षकों के वायरस की चपेट में आने की खबरों के बाद अब मंडी जिले में इसका सबसे ज्यादा कहर टूट रहा है जो एक खतरनाक संकेत है। मुख्यमंत्री के अपने जिले में कोरोना बेकाबू होकर स्कूलों को निशाना बनाने लगा है जो बेहद चिंताजनक और खतरनाक संकेत दे रहा है। जहां शुक्रवार को आई सैंपलों की कुल रिपोर्ट में अकेले मंडी जिले से ही 240 पॉजटिव मामले सामने आए हैं। वहीं, शनिवार को भी शाम होते होते 117 लोगों की सूची बन चुकी थी जबकि अभी देर रात को सैंकड़ों सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाकी है।
इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक और डराने वाली खबर तो जिले के जोगिंदरनगर के तिब्बतियन स्कूल सूजा की है। जहां से 106 बच्चों और स्टाफ के पॉजटिव आने की सूचना है। जबकि शनिवार को आई सूची में 30 से ज्यादा शिक्षक मंडी जिले के स्कूलों के हैं। इनमें जिला मुख्यालय का कन्या पाठशाला का नाम भी शामिल है। इससे पहले भी सराज क्षेत्र के थाची पंजाई स्कूलों के शिक्षक पाजटिव आ चुके हैं। अब जिस तरह से बच्चों व शिक्षकों पर कोरोना का कहर बरपने लगा है, दो दिनों में ही संख्या पांच सौ को छूने लगी है तो अभिभावकों में भी चिंता पैदा हो गई है।
आठ महीने बाद बच्चे स्कूलों को जाने लगे थे तो अभिभावकों ने कुछ राहत महसूस की थी मगर अब जिस तरह से स्कूलों में शिक्षक और बच्चे लगातार पॉजटिव आ रहे हैं उससे सरकार का यह दाव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। स्कूल खुल जाने से माहौल सामान्य जैसा हो गया था, परिवहन व्यवस्था भी लगभग पहले जैसी बहाल हो गई थी, बंद गाड़ियां भी चलने लग पड़ी थी । मगर अब एक तरह से कोरोना कम्युनिटी स्प्रेड की तरह फैलने लगा है तो सरकार के लिए अपने फैसले पर फिर से विचार करना पड़ सकता है क्योंकि बच्चों के साथ संपर्क के खतरे सबसे अधिक हैं।
इधर, इस बारे में शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि यदि किसी स्कूल में बच्चे या शिक्षक पॉजटिव आते हैं तो प्रधानाचार्य को सारी शक्तियां दे रखी हैं कि वह स्कूल को खोलने या बंद करने का निर्णय ले सकता है। सूत्रों ने माना कि यकायक शिक्षकों और बच्चों के पॉजटिव होने के मामले बढ़े है जो चिंता का विषय है।