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हमीरपुर में हो सकेगा कोरोना का टेस्ट, सुक्खू ने मशीन के लिये मद से दिये 35 लाख

नवनीत बत्ता |

कोरोना की दहशत के बीच हमीरपुर और आसपास के जिलों के लिए अच्छी खबर है। हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में जल्द ही कोरोना समेत सभी वायरस के टेस्ट हो सकेंगे। नादौन के विधायक और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस-पालिमरेज चेन रिएक्शन) टेस्ट की मशीन खरीदने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को अपनी विधायक निधि से 35 लाख रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने हमीरपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन से खरीद प्रक्रिया पूरी कर एक महीने के अंदर टेस्ट मशीन स्थापित करने का अनुरोध किया है ताकि कोरोना के संदिग्ध मामलों की पुष्टि हमीरपुर में हो सके। इससे स्थानीय और आसपास के जिले के लोगों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। अभी निजी लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट ( RT-PCR)7000 रुपये में हो रहा है।

सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अभी हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में इस टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके लिए यह टेस्ट मशीन जरूरी थी। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप पर काबू पाने के लिए संक्रमित मरीजों का समय पर पता चलना भी जरूरी है, इसलिए मशीन खरीदने के लिए उन्होंने अपनी विधायक निधि से 35 लाख रुपये दिए हैं। इससे लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी। हमीरपुर के साथ ही बिलासपुर, मंडी, ऊना और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को कोरोना या अन्य वायरस के टेस्ट कराने के लिए न तो दूरदराज जाना होगा, न ही निजी लैब में मोटी रकम चुकानी होगी।

आरटी-पीसीआर टेस्ट से तत्काल यह पता चलता है कि संदिग्ध व्यक्ति सारस-कोविड2 और अन्य वायरस से संक्रमित है या नहीं। इस मशीन से स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, इन्फ्लूएंजा सहित अनेक तरह के फ्लू और वायरस की जांच और तुरंत रिजल्ट संभव है। पीसीआर टेस्ट वैसे तो 2000 रुपये तक में होता रहा है, लेकिन कोरोना के फैलने पर यह मार्केट में 7000 रुपये में किया जा रहा है।

सुक्खू ने कहा कि बहुत से लोगों के तो टेस्ट ही समय पर नहीं हो पा रहे। लोगों को पता ही नहीं होता कि वे कौन से फ्लू से पीड़ित हैं। बड़े मेडिकल कॉलेजों में कोरोना और अन्य फ्लू के टेस्ट के लिए लंबी लाइन लग रही हैं। नमूने पुणे भेजने के बाद जांच रिपोर्ट आने पर संदिग्ध में कोरोना की पुष्टि कर रहे हैं। तब तक काफी देर हो चुकी होती है। आरटी-पीसीआर टेस्ट मशीन के मेडिकल कॉलेज में स्थापित होने पर जांच तेजी से होगी और लोगों की जान जाने का खतरा भी काफी कम हो जाएगा, क्योंकि टेस्ट पॉजिटिव आने पर तुरंत उपचार शुरू हो सकेगा।