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प्रत्येक जिला में बनेगें गौ अभ्यारण्य, कांगड़ा जिला में चार साइट चयनित, 3 महीने में पूरा होगा काम : कंवर

<p>ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मार्च 2021 तक हिमाचल प्रदेश को बेसहारा पशु मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य के 11 जिलों में गौ अभ्यारण्य स्थापित किए जा रहे हैं। इसमें कांगड़ा जिला में चार विभिन्न स्थलों खबल, कंगेहण, लुथाण और बडसर पर काउ सेंचुरी के लिए जमीन चिह्न्ति कर ली गई है। इसका निर्माण कार्य तीन महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। इन चार काउ सेंचुरी के लिए चार करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई हैं ताकि लावारिश पशुओं और गौ धन को सुरक्षित रखा जा सके इसमें सामाजिक सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।</p>

<p>ग्रामीण विकास मंत्री ने बुधवार को कांगड़ा जिला के ज्वालाजी उपमंडल के लुथाण, देहरा उपमंडल के बनूड़ी तथा पालमपुर उपमंडल के बडसर में काउ सेंचुरी की साइट का निरीक्षण करने के उपरांत कहा कि पड़ोसी राज्यों से भी गौवंश को लाकर हिमाचल प्रदेश की सीमा के अंदर छोड़ा जा रहा है, जिसे रोकने के लिए पुलिस को मुस्तैदी के साथ कार्य करने के निर्देष दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश गौहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत गौहत्या पर 5 वर्ष के कठोर कारावास अथवा 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। आवश्यकता अनुसार प्रदेश सरकार अधिनियम में संशोधन करेगी तथा कानून को और कड़ा किया जा सकता है। &nbsp;</p>

<p>ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि एक अगस्त से गौ सदन संचालकों को प्रदेश सरकार की ओर से प्रत्येक माह 500 रुपए प्रति गाय पालन की राशि मिलना आरंभ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान तथा लोगों और संस्थाओं को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गौ सदनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस राशि का लाभ लेने के लिए गौ सदन संचालक जल्द से जल्द सभी औपचारिकताओं को पूरा करें तथा सोसाइटी बनाकर उसमें दो सरकारी सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करें। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद से सड़क से गौवंश को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि गौशाला तथा घरों में रखे जाने वाले सभी पशुओं की टैगिंग की जाएगी ताकि उनका पूरा रिकॉर्ड विभाग के पास रहे।</p>

<p>पंचायती राज मंत्री ने कहा कि देसी गाय प्राकृतिक खेती का आधार है, इसलिए प्रदेश सरकार गौ विज्ञान केंद्र बनाने पर विचार कर रही है, जहां पर गाय की उन्नत नस्ल तैयार की जाएगी तथा उन्हें किसानों को प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर विधायक रमेष ध्वाला, उपायुक्त कांगड़ा राकेष प्रजापति सहित पषु पालन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।</p>

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