भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की ने आज राज्य कमेटी के आह्वान पर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा बढ़ाए गए 25 प्रतिशत बस किराए के खिलाफ जिला उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर धरना प्रदर्शन किया। पार्टी प्रदेश सरकार के निर्णय का विरोध करती है तथा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि इस जनता पर आर्थिक बोझ लादने के निर्णय को तुरंत वापस ले। सीपीआईएम के सचिव बलवीर परासर ने कहा कि बस किराए में बढ़ोतरी कर सरकार निजी बस ऑपरेटरों की लूट को बढ़ावा दे रही है। आज डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ रही है।
परासर ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कम है, लेकिन डीजल पर लगे वेट से तेल की कीमतें बढ़ रही है। ऐसे में केंद्र और प्रदेश सरकार को वेट को कम करना चाहिए, ताकि आम लोगों पर महंगाई की मार न पड़े। सरकार ने जब 100 प्रतिशत सवारियों को लेकर बसे चलाने की इजाज़त दे दी है, तो यह बस किराया वृद्धि का निर्णय बिल्कुल भी तर्कसंगत और न्यायसंगत नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से सरकार का जनविरोधी छवि सामने आई है और चंद लोगों को लाभ देने के उद्देश्य से जनता पर महंगाई की मार डाली जा रही है। यदि सरकार इन जनता पर आर्थिक बोझ लादने वाले निर्णयों को वापस लेकर राहत प्रदान नहीं करती, तो सीपीएम इस जनविरोधी निर्णय के विरुद्ध प्रदेशव्यापी आंदोलन तब तक चलाएगी, जब तक सरकार इस निर्णय को वापिस नहीं लेती।