पिछले साल जुलाई में कोटखाई में छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के बाद बेशक पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सक्रिय है, लेकिन इनमें कमी नहीं आ रही।
हाल ही में कांगड़ा जिला के ज्वाली में एक युवती की हत्या कर दी गई। वहीं, शिमला के नेरवा में 35 साल की एक मूक-बधिर लड़की के साथ 56 साल के व्यक्ति द्वारा दुराचार की घटना सामने आई है।
बीते पांच साल के रिकॉर्ड को देखा जाए तो इस अरसे में 178 महिलाओं की हत्या हुई। यही नहीं, बलात्कार, यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की घटनाओं में भी कमी नहीं आ रही है। प्रदेश में महिलाएं दुष्कर्म का सर्वाधिक शिकार होती हैं। महिलाओं के साथ दुष्कर्म के सर्वाधिक 284 मामले वर्ष 2014 में सामने आए।
साल 2012 से अब तक महिलाओं की हत्या के केस
2012 : 30
2013 : 28
2014 : 40
2015 : 25
2016 : 28
2017 : 27
वहीं, बलात्कार के केस देखे जाएं तो वर्ष 2012 में 183 बलात्कार के मामले सामने आए। वर्ष 2013 में 250, 2014 में 284, 2015 में 244, वर्ष 2016 में भी 244 और वर्ष 2017 के नवंबर महीन तक 236 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, महिलाओं के अपहरण के मामले भी कम नहीं हो रहे।