HimachalAgriculture: सिरमौर जिले में नवंबर और दिसंबर के महीनों में बारिश न होने के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। बरसात के दौरान अच्छी बारिश ने किसानों में उम्मीद जगाई थी कि इस साल फसल बेहतर होगी, लेकिन पिछले कुछ दिनों की बारिश की कमी और तेज धूप ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। ऊपरी इलाकों की दर्जनों पंचायतें, जो बारिश के पानी पर निर्भर हैं, अब पानी की किल्लत से जूझ रही हैं।
गांव की महिलाओं ने बताया कि बारिश की कमी के कारण स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि यदि अभी यह हालत है तो गर्मियों में पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ेगा। अगस्त और सितंबर में जितनी बारिश हुई थी, अक्टूबर में वह काफी कम रही। इसका असर गेहूं की बिजाई पर पड़ा, जबकि मौजूदा समय में खेतों में लहसुन, प्याज और फ्रांसबीन जैसी फसलें भी सूखने के कगार पर हैं।
पानी की किल्लत ने न केवल फसलों को प्रभावित किया है, बल्कि ग्रामीणों के लिए भी परेशानी खड़ी कर दी है। महिलाएं चिंता जताते हुए कह रही हैं कि आने वाले महीनों में स्थिति और विकट हो सकती है। किसानों के लिए यह स्थिति चिंता और आर्थिक संकट का कारण बनती जा रही है।
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