<p>चुनावी राजनीति के दौर में जन सरोकार किस तरह हाशिए पर पहुंच गए हैं श्री रेणुका जी का ददाहू अस्पताल इसका जीवंत उदाहरण बन गया है। 50 बेड वाले इस अस्पताल में 8 डॉक्टरों के पद हैं लेकिन यहां महज दो ही डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। अस्पताल में सरकार द्वारा उपलब्ध कराए तमाम सुविधाएं और मशीनरी महज शोपीस बनकर रह गई है। जबकि मरीजों को इलाज के लिए 55 किलोमीटर दूर नाहन अस्पताल रेफर किया जा रहा है।</p>
<p>नाहन, पछाद और श्री रेणुका जी विधानसभाओं का केंद्र बिंदु यह ददाहु अस्पताल महज कंक्रीट का भवन बनकर रह गया है। भले ही अस्पताल के अंदर एक्स रे, अल्ट्रासाउंड, लिफ्ट सहित तमाम सामान्य सुविधाएं उपलब्ध है लेकिन इन सुविधाओं का मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में करोड़ों रुपए की सरकारी मशीनरी जंग खा रही है और मरीज बेहाल है। इस अस्पताल में हर रोज लगभग 200 से अधिक ओपीडी दर्ज की जाती है लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले सरकार के दावों की बानगी देखिए इतने बड़े क्षेत्र के एकमात्र अस्पताल में महज दो ही डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं।</p>
<p>अन्य स्टाफ की भारी कमी है। अस्पताल में ना कोई महिला रोग विशेषज्ञ है ना अस्थि रोग विशेषज्ञ है और ना ही सर्जन। ऐसे में अस्पताल में सेवाएं दे रहे दो डॉक्टर भी पर्ची पर रेफर टू हायर सेंटर लिखने वाले डॉक्टर बनकर रह गए हैं। इन हालात में राजनीतिक स्वार्थ की रोटियां सेकने वाले राजनेताओं और सिस्टम के प्रति लोगों में खासी नाराजगी है।</p>
<p>ददाहू अस्पताल 3 विधानसभा क्षेत्रों के मध्य स्थित एक मात्र 50 बिस्तर वाला अस्पताल है। बेहद दुर्गम क्षेत्र में आए दिन हो सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती है। 70 से 80 किलोमीटर के दायरे में लोग इलाज के लिए इसी अस्पताल पर निर्भर है। लेकिन बावजूद इसके इस अस्पताल की अनदेखी लगातार हो रही है। जिसका असर क्षेत्र के हजारों लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। लोग 40 से 50 किलोमीटर का सफर तय करके ददाहू अस्पताल पहुंचते हैं लेकिन यहां से उन्हें फिर 50 से 55 किलोमीटर दूर नाहन रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में मरीजों और तीमारदारों के हालात का अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है।</p>
<p>हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर ने बताया कि मात्र 2 डॉक्टरों के सहारे ये पूरा हॉस्पिटल चल रहा है पिछले कई समय से दोनों डॉक्टर दिन रात रोगियों का उपचार कर रहे हैं हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी के कारण फिर भी यहां के दूरदराज क्षेत्र के लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है</p>
<p>बीओ हॉस्पिटल के उच्च अधिकारी सीएमओ ने बताया की 3 डॉक्टरों की यहां पर पोस्टिंग की गई थी पर इसी कारण शायद वो यहां पर सेवा देने के लिए नहीं पहुंच पाए आचार संहिता के बाद जल्द ही यहां पर डॉक्टरों की पदों को भरने का प्रयास किया जाएगा ताकि यहां के पंचायतों के लोगों को यह जो बड़ी समस्या हो रही है उससे निजात मिल सके।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(653).png” style=”height:1200px; width:783px” /></p>
Fatal Accident in Rohru Chidgaon: शिमला जिले के रोहड़ू-चिड़गांव क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे…
एचपीयू चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) शुरू करने की तैयारी में है। यह…
Ashish Chaudhary marriage with Imunagambi: अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज सुंदरनगर के आशीष चौधरी ने मणिपुर की इमुनागांबी…
हिमाचल प्रदेश की क्रैक अकादमी 6,800 युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी करवाने के…
75th Constitution Day: जिला भाजपा हमीरपुर की उपाध्यक्ष उषा बिरला ने 75वें संविधान दिवस पर…
TCP Unauthorized Construction: हिमाचल प्रदेश के नगर एवं ग्राम नियोजन (टीसीपी) अधिनियम 1977 के तहत…