➤ दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की 36वीं वर्षगांठ देशभर में मनाई गई
➤ शिमला के तिब्बती स्कूल में किन्नौर–लाहौल स्पीति बौद्ध सेवा संघ ने कार्यक्रम आयोजित किया
➤ युवा पीढ़ी को दलाई लामा के शांति, सच्चाई और संवाद के संदेश पर चलने का आह्वान
10 दिसंबर को पूरे देश में तिब्बती बौद्ध समुदाय ने दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की 36वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई। शिमला के तिब्बती स्कूल में भी किन्नौर–लाहौल स्पीति बौद्ध सेवा संघ और चीफ रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस पंथाघाटी की ओर से विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में युवा पीढ़ी को दलाई लामा के शांति, सच्चाई, करुणा और संवाद के मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन शिमला के मुख्य प्रतिनिधि ल्हाग्पा त्सेरिंग ने बताया कि यह दिन तिब्बती समुदाय के लिए गर्व का प्रतीक है।
10 दिसंबर 1989 को दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था—उनके विश्वभर में दिए गए शांति, सत्य और अहिंसा के संदेश के लिए।
उन्होंने कहा कि बातचीत और संवाद से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान संभव है, जबकि लड़ाई कभी भी किसी मुद्दे का स्थायी समाधान नहीं हो सकती। दलाई लामा की यही सीख आज भी दुनिया को राह दिखा रही है।



