धर्मशाला, 04 अप्रैल: उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर सभी नागरिकों को जागरूक होना जरूरी है। वर्तमान में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ मानव निर्मित आपदाओं का खतरा बढ़ा है। वीरवार को डीसी कार्यालय परिसर में कांगड़ा भूकंप स्मृति दिवस पर आपदा प्रबंधन को लेकर आयोजित माॅकडिल के उपरांत कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि आपदा प्रबंधन पर विशेष फोक्स किया जा रहा है ताकि आपदा से होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर जिला स्तर से लेकर उपमंडल स्तर तक प्लान तैयार किए गए हैं तथा इस बाबत विभिन्न स्तरों पर नियमित तौर पर प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर भी आपदा मित्र प्रशिक्षित किए गए हैं ताकि आपदा के समय त्वरित प्रभाव के साथ राहत तथा पुनर्वास कार्य आरंभ किए जा सकें। उन्होंने कहा कि भूकंप प्रतिरोधी भवन संरचनाओं के निर्माण के लिए मिस्त्रियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जोखिम को कम करने के लिए उचित भूमि उपयोग और भवन निर्माण के लिए भी विशेषज्ञों की राय अवश्य लें ताकि आपदा के दौरान किसी भी तरह का नुक्सान नहीं झेलना पड़े।
झुको, ढको व पकड़ो का मूलमंत्र अपनाएं
भूकंप के झटके महसूस होते ही खुले स्थान में लेट जाना चाहिए। अगर घर से नहीं निकल सके तो अपने सिर को ढकें और झुक कर किसी सख्त चीज जैसे टेबल, चैकी को पकड़ लें। साथ ही उस जगह से दूर रहें जहां खिड़की, शीशे, कांच गिरकर टूट सकता हो या जहां किताबों के भारी शेल्फ अथवा भारी फर्नीचर नीचे गिर सकता हो।
सायरन बजते ही अलर्ट हुए कर्मचारी
माॅकडिल के दौरान डीसी आफिस में सायरन बजते ही कर्मचारी अलर्ट हो गए तथा अपने सिर का बचाव करने की मुद्रा में धीरे-धीरे अपने कार्यालयों से बाहर निकले तथा सुरक्षित स्थान पर एकत्रित हो गए। लघु नाटिका के माध्यम से सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने आपदा प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक भी किया। इस अवसर पर एडीसी सौरभ जस्सल, एडीएम डा हरीश गज्जू, एसडीएम सहित विभिन्न अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।