आयुक्त मन्दिर एवं उपायुक्त कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने आज नवरात्र के सुअवसर पर जिला कांगड़ा के 4 मन्दिरों पर के वृतचित्र का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कांगड़ा जिला में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने हेतु प्रयासरत है। इसी कड़ी में जिला कांगड़ा में प्रमुख मन्दिरों के महत्व एवं इनसे जुड़ी धार्मिक आस्था को राष्ट्रीय मानचित्र पर लाने हेतु इन मन्दिरों पर वृतचित्र बनाया गया है जिसे विभिन्न धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर प्रदर्शित किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि 3 मन्दिरों पर वृतचित्र का कार्य प्रगति पर है।
जिला के अधिग्रहित मन्दिरों में यात्रियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। जिस हेतु इस वित्त वर्ष में लगभग 4 करोड़ के विकास कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जिला के विभिन्न मन्दिरों ज्वालाजी देवी, बज्रेश्वरी देवी, चामुण्डा देवी, भागसुनाग मन्दिरों को एडीबी एवं पर्यटन विभाग के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। ज्वालाजी एवं चामुण्डा मन्दिर हेतु केन्द्र सरकार द्धारा विभिन्न सांस्कृतिक अधोसंरचना विकसित करने के लिये 3 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई जिसका कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि मन्दिर न्यासों द्धारा डमटाल, कांगड़ा, बैजनाथ, सराह, ज्वालाजी इत्यादि में गौसदनों का सुचारु संचालन किया जा रहा है एवं सरकार के आदेशानुसार मन्दिरों की 15 प्रतिशत आय गौवंश के संरक्षण हेतु खर्च किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2019 में जिला कागड़ा के विभिन्न गौसदनों जिन्हे एनजीओ द्धारा संचालित किया जा रहा है, पर मन्दिरों की 15 प्रतिशत आय के लगभग 72 लाख रुपये खर्च किये गये।
उपायुक्त ने कहा कि इस वर्ष मन्दिर न्यासों द्वारा कोरोना महामारी के समय में 4 करोड़ की राशि मुख्यमन्त्री राहत कोष में दी गई। कोरोना काल में भी भक्तों की आस्था को ध्यान में रखकर विभिन्न माध्यमों जैसे फेसबुक, यु-टयूब इत्यादि से लाईव आरती का प्रसारण सुनिश्चित किया गया जिसमें श्रद्धालुओं को घर बैठे दर्शन की सुविधा प्राप्त हुई। कोरोना काल के दौरान 10 अक्तुबर, 2020 से मन्दिरों को केन्द्र एवं राज्य सरकार के दिशा-निर्देशानुसार खोला गया है और यात्रियों एवं श्रद्धालुओं को संक्रमण से रोकने के पुख्ता इन्तजाम किये गये हैं जिस कारण श्रद्धालुओं में विश्वास पैदा हुआ है और रोजाना यात्रियों की संख्या बढ रही है।
ज्वालाजी एवं चामुंडा में संस्कृत विद्यालय में शास्त्री एवं कर्मकाण्ड की शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है। मन्दिरों द्धारा अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाहन करते हुये गरीब कन्याओं के विवाह हेतु आर्थिक एवं अन्य सहायता एवं लंगर सुविधा श्रद्धालुओं हेतु उपलब्ध करवाई जा रही है। मन्दिर न्यास कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर ही सभी लाभ प्रदान किये जा रहे हैं एवं कर्मचारियों के कल्याण हेतु जिला प्रशासन प्रतिबद्व है।