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पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के बाद ही खुलेंगे धार्मिक संस्थानः DC

दीक्षा बैंस, ऊना |

अनलॉक-4 में जिला ऊना के सभी धार्मिक संस्थान खुलेंगे, लेकिन इन्हें भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले एसओपी के तहत ही खोला जाएगा। जिला प्रशासन भी इन एसओपी को पूरा करने के लिए अपनी तैयारी सुनिश्चित करेगा। यह जानकारी आज उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने दी।

डीसी ने कहा कि पर्यटन इकाईयां भी पर्यटन विभाग की एसओपी के तहत खोली जा सकती हैं, जबकि सरकारी कार्यालय डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल के आवश्यक दिशा-निर्देशों के तहत ही खुलेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रवेश के लिए ऑनलाइन पंजीकरण आवश्यक है, जबकि ट्रेन या हवाई जहाज से आने वालों के लिए उनका टिकट भी पास माना जाएगा। बाहर से हिमाचल आने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन्स को मानना होगा।

संदीप कुमार ने कहा कि अंतर-राज्यीय बसों की आवाजाही पर प्रतिबंध जारी रहेगा। तथा कोविड-19 ई पास वेबसाइट पर पंजीकरण कर टैक्सी का संचालन किया जा सकेगा। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए हाई लोड वाले शहरों से आने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से संस्थागत क्वारंटीन ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गर्भवती, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी, बुजुर्गों या 10 साल से कम उम्र के बच्चे साथ होने पर जिला प्रशासन होम क्वारंटीन की अनुमति दे सकेगा। बिना लक्षण वाले लोगों को होम क्वारंटीन किया जाएगा, जबकि विदेश से आने वाले लोगों को भी क्वारंटीन किया जाएगा। लक्षण वाले मरीजों को संस्थागत क्वारंटीन किया जाएगा। जो लोग होम क्वारंटीन का पालन नहीं करेंगे तो उन्हें संस्थागत क्वारंटीन किया जाएगा।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को राहत
डीसी संदीप कुमार ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राज्य से बाहर जाने वाले विद्यार्थियों व साथ जाने वाले परिजनों को 72 घंटे की अवधि में हिमाचल प्रदेश वापस आने पर क्वारंटीन नहीं किया जाएगा। परीक्षा के लिए जारी एडमिट कार्ड मान्य दस्तावेज माना जाएगा। उन्हें प्रदेश पर्यटन विभाग से पंजीकृत होटलों या यूनिटों में ठहरने की अनुमति होगी। जिलाधीश ने कहा कि हिमाचल घूमने आने वाले पर्यटकों को कम से कम दो दिन की होटल की कंफर्म बुकिंग करानी पड़ेगी। साथ ही 96 घंटे पहले की अपनी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखना होगा।

संदीप कुमार ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्राधिकार में शादी समारोहों और अंतिम संस्कारों में शामिल होने के लिए लोगों की अधिकतम संख्या के संबंध में जारी निर्देशों की अनुपालना हो रही है। साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, खेलकूद, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजनों पर लगे प्रतिबंधों की पालना हो रही है और यदि कहीं भी इन नियमों की उल्लंघन होता है तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को देना सुनिश्चित करें।