लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा होते ही जिला निर्वाचन अधिकारी व उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग (एमसीएमसी) कमेटी का गठन कर दिया है। उपायुक्त को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि एसडीएम ऊना डॉ. सुरेश जसवाल, सहायक जिला सूचना अधिकारी भूपिंदर सिंह व वरिष्ठ पत्रकार कंवर हरि सिंह सदस्य होंगे। जिला लोक संपर्क अधिकारी अरुण पटियाल को एमसीएमसी का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
50 हज़ार से ज्यादा नकदी, हथियारों पर रोक
लोकसभा चुनाव को देखते हुए 50 हजार से ज्यादा नकदी ले जाने पर रोक लगा दी गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी व उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण 50 हजार रुपए से ज्यादा नकदी ले जाने पर भी रोक लगा दी गई है। यदि कोई व्यक्ति शादी या फिर कारोबार के लिए रकम ले जा रहा है, तो उसे साथ में साक्ष्य रखने होंगे। उपायुक्त ने कहा कि जिला में हथियार लाने-ले जाने पर भी रोक लगा दी गई है। आदेश की अनुपालना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में लगभग 4700 लाइसेंसी हथियार धारक हैं। सभी को 10 दिन के अंदर नज़दीकी थाने में हथियार जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस कर्मियों, होमगार्ड के जवानों, कानून-व्यवस्था बनाए रखने में तैनात जवानों, बैंक ड्यूटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर यह आदेश लागू नहीं होंगे।
आदर्श आचार संहिता की अनुपालना आवश्यक
उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि आदर्श आचार संहिता की अनुपालना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान कोई भी व्यक्ति अगर किसी को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से नकद या वस्तु देता है, तो यह दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि किसी अभ्यर्थी या निर्वाचक या किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट पहुंचाने की धमकी देना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
निर्वाचकों को डराने-धमकाने, रिश्वत देने और लेने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए उड़न दस्ते गठित किए गए हैं। उपायुक्त ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को रिश्वत की पेशकश की जाती है या फिर उसे रिश्वत और निर्वाचकों को धमकाने की जानकारी मिलती है, तो वह ऐसे मामले शिकायत प्रकोष्ठ के टोल फ्री नंबर 1950 व 01975-226092 पर दे सकता है।
बिना परमिट वाहनों पर पोस्टर-लाउड स्पीकर बैन
उपायुक्त ने आदर्श आचार संहिता के दौरान बिना किसी परमिट किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने के लिए किसी भी वाहन पर पोस्टर, लाउड स्पीकर तथा अन्य प्रचार सामग्री का प्रयोग करना दंडनीय अपराध है। चुनाव के दौरान इन पर नज़र रखने के लिए निगरानी टीमें बनाई गई हैं, जो निरंतर चैकिंग करेंगी और निर्देश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध उचित कार्रवाई अमल में लाएगी।