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बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में छूट देने का फैसला, श्रमिकों को कुछ प्रतिबंधों के साथ आवागमन की अनुमति

पी. चंद, शिमला |

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण, राज्य सरकार ने बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में अंतर राज्य आवागमन पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब राज्य सरकार ने इसमें छूट देने का फैसला लिया है । ट्राई सिटी में आने वाली औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों को कुछ प्रतिबंधों के साथ आवागमन की अनुमति दी है। मुख्यमंत्री ने यह बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाइफ साइंस एंड बायोटेक/फार्मा उद्योग सीआईआई उत्तरी क्षेत्र समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सोलन जिले के बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में इस तरह के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने पर विचार कर रही है, जहां विभिन्न उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों को आपातकाल की स्थिति में उनके रहने का प्रबन्ध किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बद्दी-बरोटीवाला और नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ उद्योगपतियों को भी सुविधा प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पर्याप्त मात्रा में दवाइयों और जैनरिक दवाइयों के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है और देश के भीतर और बाहर बाजार के एक बड़े हिस्से पर अपनी पकड़ बनाई है। केंद्र सरकार प्रदेश के सोलन जिला के बद्दी बरोटीवाला क्षेत्र में एक बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने का आग्रह किया है, जो पहले से ही एक फार्मा हब है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की विभिन्न फार्मा इकाइयों ने भी राज्य में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने में रूचि दिखाई है। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य की भूमि मापदंडों में ढील देने का भी आग्रह किया।

जयराम ठाकुर ने कहा कि यदि हिमाचल प्रदेश के लिए इस तरह के बल्क ड्रग पार्क का आवंटन किया जाएगा तो प्रदेश निश्चित रूप से देश में सक्रिय दवा सामग्री (एपीआईएस) और ड्रग इंटरमीडिएट्स के उत्पादन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवा उद्योग की जरूरतों को पूरा करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में महत्वपूर्ण की-स्टार्टिंग मैटेरियल/ड्रग इंटरमीडिएट्स और सक्रिय दवा सामग्री (एपीआईएस) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक लाभकारी योजना की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि रसायन और उर्वरक मन्त्रालय द्वारा प्रस्तावित इस योजना से भारतीय फार्मासीटिकल उद्योग को महत्वपूर्ण दवाइयों और रसायनों के निर्माण में वैश्विक प्रतिस्पर्धा, आत्म निर्भरता और आधुनिक तकनीकों के अनुकूलन को प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने फार्मा उद्योग द्वारा कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को पूर्ण सहयोग देने के लिए उनका आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भी प्रदेश में स्थित सभी फार्मा उद्योगों को कोविड-19 के दौरान उनके उत्पादन को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए अपना पूर्ण सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने न केवल उद्योग को हर संभव सहायता प्रदान की, बल्कि इन क्षेत्रों में श्रमिकों के सुचारू आवागमन को भी सुनिश्चित किया है। आज 90 प्रतिशत से अधिक फार्मा उद्योगों ने अपना उत्पादन शुरू कर दिया है और बद्दी में फार्मा उद्योगों द्वारा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन निर्माण से न केवल घरेलू उपभोक्ताओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है, बल्कि इसकी आपूर्ति अमेरिका जैसे देशों को भी की जा रही है।