Categories: हिमाचल

देहरा: पैसा मंजूर होने के बाद भी शुरू नहीं हुआ सड़क का काम, गुस्साए लोग करेंगे विधानसभा का घेराव

<p>नगरोटा सूरियां के गांव धरियार गांव के लोगों को आज दिन तक सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है। हालांकि इस सड़क के निर्माण के लिए नावार्ड से 1 करोड़ 23 लाख रूपए भी मंज़ूर हैं और इसका ठेका भी 3 वर्ष पहले हो चुका है। लेकिन आज दिन तक इस सड़क का काम शुरू नहीं है। जिससे यहां के लोगों में काफी रोष है। ग्रामीणों ने सरकार को चेताया है कि अगर जल्द ही सड़क नहीं बनी तो लोग 12 दिसम्बर को तपोवन विधानसभा का घेराव करेंगे। ग्रामीण आज सड़क निर्माण न होने को लेकर रिटायर्ड कैप्टन बंसी लाल की अध्यक्षता में देहरा में पहुंचे और पीडब्ल्यूडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उसके बाद महिलाओं सहित सभी ग्रामीणों द्वारा एसडीएम देहरा को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम धनवीर ठाकुर ने भी उचित समय में समाधान का भरोसा देते हुए पीडब्ल्यूडी को आदेश दिए हैं।</p>

<p>गौरतलब है कि धरियार से मसरूर सड़क निर्माण कार्य सन 1970 से अटका हुआ है। यह सड़क मसरूर से घरियार तक 3 किलोमीटर की है। यह गांव चारों तरफ़ से जंगलों में घिरा हुआ है। या यूं कहें कि यहां के लोग काले पानी की सजा काट रहे हैं जोकि कभी अंग्रेजों के राज में दी जाती थी। इस गांव से काफी लोग भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं। कुछ एक्ससर्विसमेन अब अपने गांव की जीवनरेखा के लिए लड़ रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं रिटायर्ड कैप्टन बंसी लाल, जो पिछले दस सालों से लगातार अपने पिछड़े ग्रामीण इलाके की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस गांव में आज कोई भी अपनी लड़की की शादी नहीं करवाना चाहता है।</p>

<p>कैप्टन बंसी लाल चौधरी सड़क को पक्का करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बताया कि कई बुज़ुर्ग तो सड़क का पक्का होने का सपना देखते देखते भगवान को प्यारे हो गए और कई तैयार बैठे हैं। बंसी लाल ने बताया कि उन्होंने सड़क के सभी पेपर तैयार करके पीडब्ल्यूडी को 5 सितंबर 2017 को दिए थे। लेकिन सड़क के कार्य का आज तक पता नहीं चल पाया है।</p>

<p>उन्होंने बताया कि इस सड़क पर नावार्ड से 1 करोड़ 23 लाख रूपए भी मंज़ूर हैं और इसका ठेका भी 3 वर्ष पहले हो चुका है। लेकिन काम आज तक शुरू नहीं हुआ। बंसी लाल ने बताया कि सभी नेताओं के भी जा चुके लेकिन उन्हें आश्वाशन के सिवा कुछ नहीं मिला। उन्होंने बताया कि बरसात होने पर कच्ची सड़क दलदल बन जाती है। जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों को बड़ी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। बीमार बुज़ुर्ग को चारपाई पर उठाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस गांव की दुर्दशा पाषाण युग जैसी है।</p>

Samachar First

Recent Posts

बारात के जश्‍न में थे सब मगन, अचानक दूल्‍हे के पिता को आया हार्ट अटैक और मौत

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के मतियारा गांव में शादी का माहौल उस समय मातम…

2 hours ago

SatounSchool: सिरमौर का नाम फिर रोशन, सतोन स्कूल की 8 छात्राएं बनीं हॉकी चैम्पियन

Satoun School hockey achievement : सतोन पी एम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की छात्राओं…

2 hours ago

800 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार, आपदा से नुकसान कम करने पर सरकार का फोकस: सुक्‍खू

Samarth campaign disaster preparedness: हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आपदा से निपटने के…

3 hours ago

Himachal: अक्टूबर में सूखे जैसे हालात, 95% कम बारिश दर्ज

Rainfall Deficit 2024: मानसून की विदाई के बाद हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर के पहले 13…

4 hours ago

Himachal: 12 साल का सेवाकाल पूरा करने वाले जलरक्षकों को प्रोमोशन

Water Guards Promotion 2024:  जलशक्ति विभाग में 12 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके 184…

4 hours ago

Baba Siddique Murder Case: बोन टेस्ट में खुलासा, आरोपी धर्मराज कश्यप नाबालिग नहीं

Mumbai:  महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या…

4 hours ago