हिमाचल प्रदेश मुख्याध्यापक एवं प्रधानाचार्य संवर्ग अधिकारी संघ ने सरकार से मांग की है कि जिन प्रधानाचार्यों की पदोन्नतियां 2017 और उसके बाद हुई हैं उन्हें बिना वित्तीय लाभ से मुख्याध्यापक के वेतन पर काम करना पड़ रहा है और बिना कोई आर्थिक लाभ मिले ही वे सेवानिवृत भी हो रहे हैं। संघ के जिला प्रधान प्रवीण गुलेरिया अन्य लोगों ने संयुक्त ब्यान में अन्य मांगे भी उठाते हुए कहा कि वर्तमान समय में राज्य के 400 हाई स्कूलों में मुख्याध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं उनकी प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न हो।
संघ ने कोविड 19 का परीक्षण अध्यापकों के लिए अनिवार्य न बनाने की मांग उठाते हुए इस बारे में जारी आदेशों का कड़ा विरोध किया। यह परीक्षण अध्यापकों की सहमति व संकमित होने पर ही किया जाए। यह भी मांग की गई कि प्रदेश की सभी पाठशालाओं में मल्टी टास्क कार्यकर्ताओं की तैनाती की प्रक्रिया को शीघ्र आरंभ किया जाए।