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‘घोषणापत्र में किए वादे के बावजूद सरकार पेंशनरों के साथ कर रही धोखा’

पी.चंद |

राजधानी शिमला में भाजपा की हार पर मंथन चल रहा है। भाजपा के बड़े नेता शिमला में जुटे हुए हैं। इसी मंथन के बीच हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर ऑफिसर एसोसिएशन ने सभी नेताओं को अपने मांगपत्र सौंपे। एसोसिएशन के अध्यक्ष देवी लाल भाजपा पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि अभी तो नोटा ने उपचुनाव में भाजपा को हार का स्वाद चखाया है। यदि भाजपा सरकार ने घोषणापत्र में पेंशनरो के साथ किए वायदे नहीं निभाए तो 2022 की राह बंद कर देंगे।

शहरी विकास मंत्री के रवैये से नाराज़ देवी लाल ने कहा कि वह मंत्री से कई मर्तबा मिले लेकिन उनका व्यवहार पेंशनरों के प्रति उचित नहीं है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी उनकी मांगों की अनदेखी करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि हिमाचल सरकार ने 29/10/1999 को एक अधिसूचना जारी कर कॉर्पोरेट सेक्टर के पेंशनरों के लिए पेंशन का प्रावधान किया था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस अधिसूचना को रद्द के दिया। 2 दिसंबर 2004 के मध्य सभी सेवानिवृत्त कर्मियों को लाभ भी दिया गया। लेकिन उसके बाद के कर्मियों को इसका लाभ नही दिया गया।

उन्होंने बताया कि भाजपा ने अपने 2007 और 2017 के घोषणापत्र में उक्त कर्मियों को पेंशन देने का वायदा किया। लेकिन उसे आज तक पूरा नहीं किया। सरकार के पेंशनर विरोधी रवैये से नाराज़ आर्थिक हालातों से जूझ रहे कई कर्मियों ने आत्महत्या तक कर ली। यदि सरकार अपनी गलती अब भी सुधारती है और पेंशन देने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र दायर नही करती है तो आने वाले चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा।